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infinite. In other words, the universe is constituted of uncountable space-points and related to that the fractional units of time (samaya) are also uncountable. This indicates that the number of spacepoints available to substances having one and two samaya existence for occupancy is uncountable. This proves that the total number of substances having one and two samaya existence is only uncountable not infinite. (ङ-३, ४) क्षेत्र और स्पर्शना प्ररूपणा
१९३. णेगम-ववहाराणं आणुपुब्बिदव्वाइं लोगस्स किं संखेज्जइभागे होज्जा ? पुच्छा। __एगदव्वं पुडुच्च लोगस्स संखेज्जतिभागे वा होज्जा जाव असंखेजेसु वा भागेसु होज्जा, देसूणे वा लोए होज्जा, नाणादव्वाइं पडुच्च नियमा-सव्वलोए होज्जा। एवं अणाणुपुब्बि-अवत्तब्बयदव्वाणि भाणियवाणि। जहा णेगम-ववहाराणं खेत्ताणुपुब्बीए।
१९३. (प्रश्न) नैगम-व्यवहारनयसम्मत अनेक आनुपूर्वी द्रव्य क्या लोक के संख्यात भाग में रहते हैं ? इत्यादि प्रश्न है।
(उत्तर) एक द्रव्य की अपेक्षा (समस्त आनुपूर्वीद्रव्य) लोक के संख्यात भाग में रहते हैं यावत् असंख्यात भागों में रहते हैं अथवा देशोन लोक में रहते हैं। किन्तु अनेक द्रव्यों की अपेक्षा नियमतः सर्वलोक में रहते हैं। ___ समस्त अनानुपूर्वी द्रव्यों और अवक्तव्य द्रव्यों की वक्तव्यता भी नैगम-व्यवहारनयसम्मत क्षेत्रानुपूर्वी के समान है। (E-3, 4) KAALNUPURVI : KSHETRA-DVAR AND
SPARSHANA-DVAR 193. (Question) In what area or section of the universe (occupied space) do the naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) exist. Are they in its countable fraction ? (and so on as in aphorism 152)
(Answer) With respect to a single substance they exist in (1) countable fractions of the universe, and so on up to अनुयोगद्वार सूत्र
(२७८ )
lustrated Anuyogadvar Sutra SamPROMPTO
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