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क्या नैगम और व्यवहारनयसम्मत समस्त आनुपूर्वीद्रव्य, आनुपूर्वीद्रव्यों में, अनानुपूर्वीद्रव्यों में तथा अवक्तव्यकद्रव्यों में समवतरित होते हैं ? ___ इसी प्रकार के तीन-तीन प्रश्न अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक द्रव्य-विषयक भी जानना चाहिए। इस तरह कुल नौ प्रश्न हैं। जिनका उत्तर इस प्रकार है
(१) नैगम और व्यवहारनयसम्मत सभी आनुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में ही समाविष्ट होते हैं। किन्तु अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक द्रव्यों में समाविष्ट नहीं होते हैं।
(२) नैगम और व्यवहारनयसम्मत समस्त अनानुपूर्वी अपनी जाति (अनानुपूर्वीद्रव्य) में समाविष्ट होते हैं। उनका विजातीय आनुपूर्वी या अवक्तव्य द्रव्यों में समवतार नहीं होता है।
(३) नैगम और व्यवहारनयसम्मत अवक्तव्यकद्रव्य अवक्तव्यकद्रव्यों में ही अन्तर्भूत होते हैं, अन्य आनुपूर्वी आदि द्रव्यों में नहीं।
Elaboration—The aphorism gives only brief indication regarding samavatara (compatible assimilation). The details are as follows,
Samavatara means compatible assimilation of various substances with other substances. In this regard the inquiry is in the form of three questions.
Can all Naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) have compatible assimilation (samavatara) with anupurvi (sequential) substances ? or with ananupurvi (non-sequential) substances ? or with inexpressible (avaktavya) substances ?
Similarly three questions each regarding ananupurvi (nonsequential) substances and inexpressible (avaktavya) substances have been put forth. Thus there are nine questions in all, The answers are as follows
(1) All Naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) can have compatible assimilation (samavatara) with anupurvi (sequential) substances only and not with ananupurvi (non-sequential) substances or inexpressible (avaktavya) substances. अनुयोगद्वार सूत्र
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Illustrated Anuyogadvar Sutra
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