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basis of kaal-anupurvi is time. Things arranged in context of
units of time, such as three samayas (indivisible or ultimate De fraction of time taken as unit), four samayas and so on up to uncountable samayas, are called kaal-anupurvi (time-sequence).
Things with existence measured in uncountable samayas have been included in kaal-anupurvi but as nothing has an existence measured in infinite samayas there is no mention of kaal-anupurvi of infinite samayas.
(The definition and elaboration of Arth-padaprarupana or semantics and other terms should be taken as mentioned in aphorisms 98 and 99 in connection with Dravyanupurvi.) (क) अर्थपदप्ररूपणता
१८४. से किं तं णेगम-ववहाराणं अट्ठपदपरूवणया ? __णेगम-ववहाराणं अट्ठपदपरूवणया तिसमयट्ठिईए आणुपुब्बी जाव दससमयट्ठिईए आणुपुब्बी संखेज्जसमयट्टिईए आणुपुब्बी असंखेज्जसमयट्टिईए आणुपुवी।
एगसमयट्टिईए अणाणुपुब्बी। दुसमयट्टिईए अवत्तव्यए।
तिसमयट्टिईयाओ आणुपुब्बीओ जाव संखेज्जसमयट्टिईयाओ आणुपुबीओ; Hot असंखेज्जसमयट्टिईयाओ आणुपुब्बीओ।
___एगसमयट्टिईयाओ अणाणुपुष्वीओ। दुसमयट्टिईयाइं अवत्तव्वयाई। से तं * णेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया।
१८४. (प्रश्न) नैगम-व्यवहारनयसम्मत अर्थपदप्ररूपणता क्या है ?
(उत्तर) (नैगम और व्यवहारनयसम्मत) अर्थपदप्ररूपणता इस प्रकार है-तीन समय की स्थिति वाला द्रव्य, आनुपूर्वी है यावत् दस समय, संख्यात समय, असंख्यात समय की स्थिति वाला द्रव्य, आनुपूर्वी है।
एक समय की स्थिति वाला द्रव्य, अनानुपूर्वी है। आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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