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(उत्तर) तीनों ही-(आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी, अवक्तव्यक) द्रव्य नियमतः सादि पारिणामिक भाव में होते हैं। (देखें सूत्र ११३) (8) KSHETRANUPURVI : BHAAVA-DVAR
157. (Question) In what state do the naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) exist.
(Answer) As a rule all the three class of substances (anupurvi or sequential, ananupurvi or non-sequential, and avaktavya or inexpressible) exist in sadi-parinamik-bhaava (transformative state with a beginning). (see aphorism 113). (९) अनुगम से अल्पबहुत्व प्ररूपणा
१५८. (१) एएसि णं भंते ! णेगम-ववहाराणं आणुपुब्बीदव्याणं अणाणुपुब्बीदव्वाणं अवत्तब्बयदवाण य दबट्टयाए पएसट्टयाए दबटु-पएसट्टयाए य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा ! सव्वत्थोवाइं णेगम-ववहाराणं अवत्तव्ययगदव्वाई दव्वट्ठयाए, अणाणुपुब्बीदव्वाइं दवट्ठयाए विसेसाहियाई, आणुपुब्बीदव्वाई दबट्ट्याए असंखेज्जागुणाई।
१५८. (प्रश्न १) भंते ! इन नैगम और व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वी द्रव्यों, अनानुपूर्वी द्रव्यों और अवक्तव्यक द्रव्यों में कौन द्रव्य किन द्रव्यों से द्रव्यार्थता, प्रदेशार्थता और द्रव्यार्थ-प्रदेशार्थता की अपेक्षा अल्प, बहुत्व, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
(उत्तर) गौतम ! नैगम और व्यवहारनयसम्मत अवक्तव्यक द्रव्य द्रव्यार्थता की अपेक्षा सबसे अल्प है। अनानुपूर्वी द्रव्य द्रव्यार्थता की अपेक्षा अवक्तव्यक द्रव्यों से विशेषाधिक हैं और आनुपूर्वी द्रव्य द्रव्यार्थता की अपेक्षा अनानुपूर्वी द्रव्यों से असंख्यातगुण हैं। (9) ALPABAHUTVA-DVAR
158. (Question 1) Bhante! In terms of substance (mass), space-points (volume), and substance-cum-space-points अनुयोगद्वार सूत्र
Illustrated Anuyogadvar Sutra
1092094800180900900500000000000000000000000000000ROD
(२४४ )
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