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SPRISESEGPOISODISPEASORIGIGABPMASPOTSPOMEPRASRAMPRISPENSPIGG°06°06°066608600X6PRAGARMAORMAPVHPBMARW6
(उत्तर) पश्चानुपूर्वी इस प्रकार है-अनन्तप्रदेशिक, असंख्यातप्रदेशिक, संख्यातप्रदेशिक यावत् दशप्रदेशिक यावत् त्रिप्रदेशिक द्विप्रदेशिक स्कन्ध, परमाणुपुद्गल। विपरीत क्रम से किया जाने वाल न्यास पश्चानुपूर्वी है। PASHCHANUPURVI
137. (Question) What is this Pashchanupurvi ?
(Answer) Pashchanupurvi is like this—(z) An aggregate 4 (skandh) of infinite ultimate-particles (paramanus), (y) An
aggregate (skandh) of uncountable ultimate-particles
(paramanus), (x) An aggregate (skandh) of countable 9 ultimate-particles (paramanus), (10) An aggregate (skandh)
of ten ultimate-particles (paramanus), (and so on...), (3) An a aggregate (skandh) of three ultimate-particles (paramanus), te (2) An aggregate of two ultimate-particles (paramanus),
(1) Paramanu Pudgal (ultimate particle of matter). The arrangement of aggregates of matter particles placed in such descending sequential order is called pashchanupurvi (descending sequence).
This concludes the description of pashchanupurvi (descending sequence). अनानुपूर्वी का स्वरूप
१३८. से किं तं अणाणुपुबी ? __ अणाणुपुब्बी एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए अणंतगच्छगयाए सेढीए अनमनभासो दुरूवूणो। से तं अणाणुपुब्बी। से तं ओवणिहिया दव्वाणुपुवी।
से तं जाणगवइरित्ता दव्वाणुपुची। से तं नोआगमओ दवाणुपुवी। से तं दव्वाणुपुबी।
१३८. (प्रश्न) अनानुपूर्वी क्या है ?
(उत्तर) एक से प्रारम्भ करके एक-एक की वृद्धि करने के द्वारा निर्मित अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध पर्यन्त की श्रेणी की संख्या को परस्पर गुणित करने से निष्पन्न राशि में से आदि और अन्त रूप दो भंगों को कम करने पर अनानुपूर्वी बनती है। आनुपूर्वी प्रकरण
The Discussion on Anupurvi
FiPAHARMAPORTEXGI6%86%D1GRABPOIGADGETBPOSEXERENERDEREMEDYEPOMEDYERITERRORRHEROVERMEPREPAIRAGHPANGREDGPasta
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