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पुवाणुपुब्बी परमाणुपोग्गले दुपएसिए तिपएसिए जाव दसपएसिए जाव संखिज्जपएसिए असंखिज्जपएसिए अणंतपएसिए। से तं पुवाणुपुवी।
१३६. (प्रश्न) पूर्वानुपूर्वी क्या है ?
(उत्तर) पूर्वानुपुर्वी इस प्रकार है-परमाणु पुद्गल, द्विप्रदेशिक स्कन्ध, त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, यावत् दशप्रदेशिक स्कन्ध, संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध, असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध, अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध रूप क्रमात्मक आनुपूर्वी को पूर्वानुपूर्वी कहते हैं। PURVANUPURVI
136. (Question) What is this Purvanupurvi ?
(Answer) Purvanupurvi is like this—(1) Paramanu Pudgal (ultimate-particle of matter), (2) An aggregate of two ultimate-particles (paramanus), (3) An aggregate (skandh) of three ultimate-particles (paramanus), (and so on...), (10) An aggregate (skandh) of ten ultimate-particles
(paramanus), (x) An aggregate (skandh) of countable __ultimate-particles (paramanus), (y) An aggregate (skandh) of uncountable ultimate-particles (paramanus), and (z) An aggregate (skandh) of infinite ultimate-particles (paramanus). The arrangement of aggregates of matter particles placed in such ascending sequential order is called purvanupurvi (ascending sequence).
This concludes the description of purvanupurvi (ascending sequence). पश्चानुपूर्वी का स्वरूप
१३७. से किं तं पच्छाणुपुब्बी ?
पच्छाणुपुब्बी अणंतपएसिए असंखिज्जपएसिए संखिज्जपएसिए जाव दसपएसिए जाव तिपएसिए दुपएसिए परमाणुपोग्गले। से तं पच्छाणुपुब्बी। __१३७. (प्रश्न) पश्चानुपूर्वी क्या है ? अनुयोगद्वार सूत्र
(PPO)
Illustrated Anuyogadvar Sutra
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