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(sequence) and a single particle ananupurvi (non-sequence), (5) There is a triad anupurvi (sequence) and a biunialaggregate avaktavya (inexpressible), (6) There is a single particle ananupurvi (non-sequence) and a biunial-aggregate avaktavya (inexpressible), and (7) There is a triad anupurvi (sequence), single particle ananupurvi (non-sequence), and a biunial-aggregate avaktavya (inexpressible). Thus there are seven alternatives or divisions of Samgraha naya sammat bhangopadarshanata (explication of divisions or bhangs conforming to generalized viewpoint).
This concludes the description of Samgraha naya sammat bhangopadarshanata (explication of divisions or bhangs conforming to generalized viewpoint). समवतार प्ररूपणा
१२१. से किं तं समोयारे ? समोयारे संगहस्स आणुपुचीदव्वाइं कहिं समोयरंति ? किं आणुपुबीदव्बेहिं समोयरंति ? अणाणुपुब्बीदव्वेहिं समोयरंति ?
अवत्तबगदव्वेहिं समोयरंति ? ___ संगहस्स आणुपुब्बीदव्वाइं आणुपुब्बीदव्वेहिं समोयरंति, नो अणाणुपुब्बीदव्वेहिं
समोयरंति, नो अवत्तव्यगदव्वेहिं समोयरंति। एवं दोण्णि वि सट्टाणे सट्टाणे समोयरंति। से तं समोयारे।
१२१. (प्रश्न) समवतार क्या है ? क्या संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? अथवा अनानुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? या अवक्तव्यकद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ?
(उत्तर) संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में (स्व जाति द्रव्यों में ही) समवतरित होते हैं, अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक द्रव्यों में नहीं। इसी प्रकार दोनों भीअनानुपूर्वीद्रव्य और अवक्तव्यकद्रव्य भी अपने-अपने स्थान (-स्वजाति) में ही समवतरित होते हैं।
यह समवतार का स्वरूप है।
आनुपूर्वी प्रकरण
( २०५ )
The Discussion on Anupurvi
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