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aoscopic skse, olesale locle,
य अणाणुपुवीय अहवा, (५) तिपएसिया य दुपएसिया य आणुपुव्वी अवत्तव्यए य अहवा, (६) परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य अणाणुपुबी य अवत्तव्वए य अहवा, (७) अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुब्बी य अणाणुपुब्बी
य अवत्तव्यए य ।
सेतं संगहस्स भंगोवदंसणया ।
१२०. (प्रश्न) संग्रहनयसम्मत भंगोपदर्शनता क्या है ?
(उत्तर) संग्रहनयसम्मत भंगोपदर्शनता इस प्रकार है - ( 9 ) त्रिप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है, (२) परमाणुपुद्गल अनानुपूर्वी है, और (३) द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्यक हैं, अथवा (४) त्रिप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी और परमाणुपुद्गल अनानुपूर्वी है, अथवा (५) त्रिप्रदेशिक आनुपूर्वी और द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्यक है, अथवा (६) परमाणु पुद्गल आनुपूर्वी और द्विप्रदेशिक स्कन्ध, अवक्तव्यक कहे जाते हैं, अथवा (७) त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, परमाणुपुद्गल, और द्विप्रदेशिक स्कन्ध क्रमशः आनुपूर्वी - अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक कहे जाते हैं । ( इस प्रकार संग्रहनयसम्मत भंगोपदर्शनता के सात विकल्प हुए)
यह संग्रहनय सम्मत भंगोपदर्शनता का स्वरूप है।
SAMGRAHA NAYA SAMMAT BHANGOPADARSHANATA
120. (Question) What is this samgraha naya sammat bhangopadarshanata (explication of divisions or bhangs conforming to generalized viewpoint)?
(Answer) Samgraha naya sammat bhangopadarshanata (explication of divisions or bhangs conforming to generalized viewpoint) is as follows—
(1) There is a triad (of three space-points or three ultimate-particles) anupurvi (sequence), (2) There is a single particle (paramanu-pudgala or ultimate-particle of matter) ananupurvi (non-sequence), (3) There is a biunial-aggregate (aggregate of two space-points or ultimate-particles) avaktavya (inexpressible), (4) There is a triad anupurvi अनुयोगद्वार सूत्र
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Illustrated Anuyogadvar Sutra
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