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(८) भाव प्ररूपणा द्वार
११३. (१) णेगम-ववहाराणं आणुपुब्बीदव्वाइं कयरम्मि भावे होज्जा ? किं उदइए भावे होज्जा ? उवसमिए भावे होज्जा ? खाइए भावे होज्जा ? खाओवसमिए भावे होज्जा ? पारिणामिए भावे होज्जा ? सनिवाइए भावे होज्जा ? णियमा साइपारिणामिए भावे होज्जा।
११३. (प्रश्न १) नैगम और व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य किस भाव में होते हैं ? क्या औदयिक भाव में होते हैं ? अथवा औपशमिक भाव में, क्षायिक भाव में, क्षायोपशमिक भाव में, पारिणामिक भाव में अथवा सान्निपातिक भाव में होते हैं ?
(उत्तर) वे नियमतः सादि पारिणामिक भाव में होते हैं। (8) BHAAVA-DVAR ___113. (Question 1) In what state do the naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) exist. Are they in audayik-bhaava (culminated state) ? Are they in aupashamik-bhaava (pacified state) ? Are they in kshayik-bhaava (extinct state) ? Are they in kshayopashamik-bhaava (state of extinction-cumpacification) ? (these four states are in context of karma particles) Are they in parinamik-bhaava (transformed state) ? Or are they in sannipatik-bhaava (mixed state) ?
(Answer) As a rule they exist in parinamik-bhaava (transformative state).
(२) अणाणुपुब्बीदव्वाणि अवत्तव्बयदव्याणि य एवं चेव भाणियवाणि।
(२) अनानुपूर्वीद्रव्यों और अवक्तव्यद्रव्यों के लिए भी इसी प्रकार कहना चाहिए। अर्थात् वे भी सादिपारिणामिक भाव में हैं।
(2) The same holds true for ananupurvi (non-sequential), and avaktavya (inexpressible) substances, i.e., they too exist in parinamik-bhaava (transformed state). आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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