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(३) नेगम-ववहाराणं अवत्तव्बगदव्वाइं किं अत्थि णत्थि ? नियमा अत्थि। १०६. (प्रश्न ३) नैगम और व्यवहारनयसम्मत अवक्तव्यक द्रव्य हैं या नहीं ? (उत्तर) अवश्य हैं।
106. (Question 3) Do the naigam-vyavahar naya sammat avaktavya dravya (inexpressible substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) exist or not?
(Answer) -Indeed, as a rule they exist. (२) द्रव्य प्रमाण द्वार
१०७. (१) नेगम-ववहाराणं आणुपुचीदव्वाइं किं संखेज्जाइं असंखेज्जाइं अणंताई ?
नो संखेज्जाइं नो असंखेज्जाइं; अणंताई। (२) एवं दोण्णि वि। (२) इसी प्रकार शेष दोनों (अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्य) भी अनन्त हैं।
१०७. (प्रश्न १) नैगम-व्यवहारनय की अपेक्षा आनुपूर्वी द्रव्य क्या संख्यात हैं, असंख्यात हैं, अथवा अनन्त हैं ?
(उत्तर) वे संख्यात नहीं, असंख्यात भी नहीं, किन्तु अनन्त हैं। (2) DRAVYA-PRAMANA-DVAR
107. (Question 1) According to the naigam-vyavahar naya (coordinated and particularized viewpoints) are the anupurvi dravya (sequential substances) numerable, innumerable, or infinite (numerically) ?
(Answer) They are neither numerable nor innumerable but are infinite (numerically).
107. (2) Same is true for the remaining two, i.e. according to the naigam-vyavahar naya (coordinated and आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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