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अवक्तव्य द्रव्य
(३) णेगम-ववहाराणं अवत्तव्ययदव्बाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुचीदव्येहिं समोयरंति ? अणाणुपुब्बीदव्वेहि समोयरंति ? अवत्तव्ययदव्वेहिं समोयरंति ? .
णेगम-ववहाराणं अवत्तव्वयदव्वाइं णो आणुपुबीदव्वेहिं समोयरंति, णो अणाणुपुचीदव्वेहिं समोयरंति, अवत्तव्ययदव्वेहिं समोयरंति। से तं समोयारे।
१०४. (प्रश्न ३) नैगम और व्यवहारनयसम्मत अवक्तव्यद्रव्य कहाँ समवतरित होते. हैं? क्या आनुपूर्वीद्रव्यों में अथवा अनानुपूर्वीद्रव्यों में या अवक्तव्यकद्रव्यों में समवतरित होते हैं ?
(उत्तर) नैगम व्यवहारनयसम्मत अवक्तव्यकद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में और अनानुपूर्वीद्रव्यों में समवतरित नहीं होते हैं किन्तु अवक्तव्यकद्रव्यों में समवतरित होते हैं। यह समवतार है। AVAKTAVYA DRAVYA
(Question 3) Where can there be a compatible assimilation (samavatara) of naigam-vyavahar naya sammat avaktavya dravya (inexpressible substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) ? Can they have compatible assimilation (samavatara) with sequential substances or non-sequential substances or inexpressible substances ?
(Answer) Naigam-vyavahar naya sammat avaktavya dravya (inexpressible substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) can have compatible assimilation (samavatara) not with sequential substances, not with non-sequential substances, but only with inexpressible substances.
This concludes the description of samavatara (compatible assimilation).
विवेचन-कौन द्रव्य किसमें समवतरित होता है इसका स्पष्टीकरण प्रस्तुत सूत्र में है। अनुयोगद्वार सूत्र
( १६६ )
Illustrated Anuyogadvar Sutra
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