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अनानुपूर्वी और अवक्तव्यकों रूप है (२०) (३) त्रिप्रदेशिक अनेक परमाणुपुद्गल द्विप्रदेशिक आनुपूर्वी, अनानुपूर्वियों और अवक्तव्यक रूप हैं (२१), (४) त्रिप्रदेशिक परमाणुपुद्गल और द्विप्रदेशिक आनुपूर्वी, अनानुपूर्वियों और अवक्तव्यकों रूप हैं (२२), (५) अनेक त्रिप्रदेशिक है, परमाणुपुद्गल है और द्विप्रदेशिक आनुपूर्वियों, अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक रूप हैं (२३), (६) अनेक त्रिप्रदेशिक है, परमाणुपुद्गल है
और अनेक द्विप्रदेशिक आनुपूर्वियों, अनानुपूर्वी और अवक्तव्यकों रूप हैं (२४), (७) अनेक त्रिप्रदेशिक है, परमाणुपुद्गल और द्विप्रदेशिक आनुपूर्वियों, अनानुपूर्वियों
और अवक्तव्यक रूप है, (२५). अनेक त्रिप्रदेशिक है, अनेक परमाणुपुद्गल हैं और अनेक द्विप्रदेशिक अनुपूर्वियों-अनानुपूर्वियों-अवक्तव्यकों रूप हैं (२६)।
यह नैगम-व्यवहारनयसंमत भंगोपदर्शनता का स्वरूप है। NAIGAM-VYAVAHAR NAYA SAMMAT BHANGOPADARSHANATA
103. (Question) What is this naigam-vyavahar naya sammat bhangopadarshanata (explication of divisions or bhangs conforming to coordinated and particularized viewpoints)?
(Answer) Naigam-vyavaharnaya sammat bhangopadarshanata (explication of divisions or bhangs conforming to coordinated and particularized viewpoints) is as follows
(1) There is a triad (of three space-points or three ultimate-particles) anupurvi (sequence), (2) There is a single particle (paramanu-pudgala or ultimate-particle of matter) ananupurvi (non-sequence), (3) There is a biunial-aggregate (aggregate of two space-points or ultimate-particles) avaktavya (inexpressible), (4) There are many triad anupurvis (sequences), (5) There are many single particle ananupurvis (non-sequences), (6) There are many biunialaggregate avaktavyas (inexpressibles). (6) (a total of 6 divisions or bhangs) आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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