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(5) Anugam-The systematic elaboration of substances (sequential or otherwise) with the help of anuyogadvars (doors or methods of disquisition) and in context of parameters like matter, area, etc. is called anugam (systematic elaboration). नैगम-व्यवहारनयसंमत अर्थपदप्ररूपणा
९९. से किं तं णेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया ?
णेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया तिपएसिए आणुपुवी, चउपएसिए आणुपुची जाव दसपएसिए आणुबी, संखेज्जपदेसिए आणुपुबी, असंखेजपदेसिए आणुपुबी, अणंतपएसिए आणुपुब्बी। परमाणुपोग्गले अणाणुपुब्बी। दुपएसिए अवत्तव्बए तिपएसिया आणुपुब्बीओ जाव अणंतपएसिया आणुपुब्बीओ। परमाणुपोग्गला अणाणुपुब्बीओ। दुपएसिया अवत्तबगाई। से तं णेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया। ९९. (प्रश्न) नैगम-व्यवहारनयसंमत अर्थपद की प्ररूपणा क्या है?
(उत्तर) तीन प्रदेश वाला त्र्यणुकस्कन्ध आनुपूर्वी है। इसी प्रकार चतुष्प्रदेशिक आनुपूर्वी यावत् दसप्रदेशिक, संख्यातप्रदेशिक, असंख्यातप्रदेशिक और अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है। किन्तु परमाणु पुद्गल अनानुपूर्वी रूप है। द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्य है। अनेक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध यावत् अनेक अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वियाँअनेक आनुपूर्वी रूप हैं। अनेक पृथक्-पृथक् पुद्गल परमाणु अनेक अनानुपूर्वी रूप हैं। अनेक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अनेक अवक्तव्य हैं। यह नैगम और व्यवहारनयसंमत अर्थपदप्ररूपणा का स्वरूप जानना चाहिए है। NAIGAM-VYAVAHAR NAYA SAMMAT ARTH-PADPRARUPANA
99. (Question) What is this Naigam-vyavahar naya sammat arth-padaprarupana (semantics conforming to coordinated and particularized viewpoints) ?
आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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