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श्रमणों और श्रावकों द्वारा दिन एवं रात्रि के अन्त में अवश्य करने योग्य होने के कारण इसका नाम आवश्यक है।
यह आवश्यक का स्वरूप है।
SYNONYMS OF AVASHYAK
29. Some synonyms, having a variety of vowels and consonants, of this avashyak are as follows
(1) Avashyak, (2) Avashyakaraniya, (3) Dhruva nigraha, (4) Vishodhi, (5) Adhyayan - shathavarg, (6) Nyaya, (7) Aradhana, and (8) Marg.
As it is to be essentially (avashyak) performed by shramans and shravaks both at the end of the day and at the end of the night it is named avashyak or obligatory duty.
This concludes the description of avashyak.
विवेचन - यहाँ आवश्यक के पर्यायवाची नाम बतलाये हैं। जो पृथक् पृथक् उदात्तादि स्वर वाले और अनेक प्रकार के ककारादि व्यंजन वाले होने से किंचित् अर्थभेद रखते हुए भी एकार्थ-समानार्थवाचक हैं
( १ ) आवश्यक - अवश्य करने योग्य कार्य को आवश्यक कहते हैं । सामायिक आदि की साधना साधु आदि के द्वारा अवश्य - निश्चित रूप से किये जाने योग्य होने से आवश्यक है।
( २ ) अवश्यकरणीय - मुमुक्षु साधकों द्वारा नियमतः अवश्य करने योग्य होने के कारण अवश्यकरणीय है।
(३) ध्रुव निग्रह - चूर्णि के अनुसार 'ध्रुव' शब्द का अर्थ है, आठ प्रकार के - कर्म, कषाय तथा इन्द्रिय । आवश्यक द्वारा इनका निग्रह होता है। अथवा अनादि होने के कारण कर्मों को तथा कर्मों के फल जन्म - जरा - मरणादि रूप संसार को ध्रुव कहते हैं और आवश्यक उस कर्मफलरूप संसार का निग्रह करने वाला होने के कारण 'ध्रुव निग्रह' है।
(४) विशोधि - कर्म से मलिन आत्मा की विशुद्धि का हेतु होने से आवश्यक विशोधि कहलाता है।
(५) अध्ययनषट्कवर्ग - आवश्यकसूत्र में सामायिक, चतुर्विंशति स्तव, वन्दन, प्रतिक्रमण, कायोत्सर्ग और प्रत्याख्यान ये छह अध्ययन होने से यह अध्ययनषट्कवर्ग है।
आवश्यक प्रकरण
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The Discussion on Essentials
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