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Seven Armies—(1) Army of horse-men, (2) Army of riding elephants, * (3) Army in chariots, (4) Infantry, (5) Army on oxes, (6) Army of
musicians, and (7) Army of dancers. These are the seven divisions. The first five divisions are for the battle-field while the last two are for providing entertainment. These divisions execute their duties strictly under the command of their respective heads, so the seven heads of the the divisions are called Aneekadhipatı.
The Atma-rakshak Dev (The Body-guard-The Security Force)* These gods are always ready for the security of their chief god and are
always fully armed. Although god Indra and other gods of his status are not afraid of any one and, therefore, they do not need any body-guard, yet it is a type of grandeur depicting their greatness. सूर्याभदेव द्वारा भगवान की स्तुति
८. तत्थ समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे भारहे वासे आमलकप्पाए नयरीए बहिया अंबसालवणे चेइए अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणं पासइ। पासित्ता हट्ठ-तुट्ठ-चित्तमाणदिए पीइमणे परम-सोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए विकसिय-वरकमल-णयणे पयलियवरकडग-तुडिय-केऊरमउड-कुंडलहारविरायंतरइवच्छे, पालंब पलंबमाण-घोलंत-भूसणधरे-ससंभमं तुरियं चवलं सुरवरे सीहासणाओ अब्भुट्टेइ।
अन्भुट्टित्ता पायपीढाओ पचोरुहइ, पच्चोरुहित्ता पाउयाओ ओमुयइ, ओमुइत्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ, करित्ता तित्थयराभिमुहे सत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ, अणुगच्छित्ता वामं जाणुं अंचेइ, दाहिणं जाणुं धरणि-तलंसि निहटु तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि
निमेइ, निमित्ता ईसिं पच्चुनमइ पच्चुनमित्ता कडय-तुडियथंभिभुयाओ साहरइ, साहरित्ता के करयलपरिगहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं वयासी
८. उस समय (विपुल अवधिज्ञानोपयोग द्वारा जम्बूद्वीप को देखते समय) सूर्याभदेव ने जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में आमलकल्पा नगरी के बाहर आम्रशालवन चैत्य में यथाप्रतिरूप अवग्रह ग्रहण कर-(साधु के लिए अनुकूल उचित स्थान की याचना करके) संयम और तप से आत्मा को भावित करते हुए श्रमण भगवान महावीर को देखा। देखकर हर्षित और अत्यन्त सन्तुष्ट हुआ, उसका चित्त आनंदित हो उठा। मन में प्रीति उत्पन्न हुई, अतीव प्रसन्नता को प्राप्त हुआ, हर्षातिरेक से उसका हृदय फूल गया, नेत्र और मुख कमल जैसे विकसित
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सूर्याभ वर्णन
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Description of Suryabh Deve
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