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B卐मममममममाफEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE 5 29. Mahi.pratyakhyan--Gives the process of pratyakhyan etc. for 1 three higher levels of ascetics-Jinakalpi, Sthavirkalpi, and Ekal 4fi viharkalpi. ' . In all these utkalik sutras, mostly, the subject discussed matches 45 the title of the work. Some of these are not available now. Those 41 which are based on the twelve canons are believed to be absolutely 45 authentic.
कालिक श्रत परिचय
KALIK SHRUT ८१ : से किं तं कालियं? ___कालियं अणेगविहं पण्णत्तं, तं जहा
(१) उत्तरज्झयणाई, (२) दसाओ, (३) कप्पो, (४) ववहारो, (५) निसीहं, 卐 (६) महानिसीहं, (७) इसिभासिआई, (८) जंबूदीवपन्नत्ती, (९) दीवसागरपन्नत्ती,
(90) चंदपन्नत्ती, (११) खुड्डिआविमाणविभत्ती, (१२) महल्लिआविमाणविभत्ती, 9 (१३) अंगचूलिआ, (१४) वग्गचूलिआ, (१५) विवाहचूलिआ, (१६) अरुणोववाए, म
(१७) वरुणोववाए, (१८) गरुलोववाए, (१९) धरणोववाए, (२०) वेसमणोववाए, ॐ (२१) वेलंधरोववाए, (२२) देविंदोववाए, (२३) उट्ठाणसुए, (२४) समुट्ठाणसुए, म (२५) नागपरिआवणिआओ, (२६) निरयावलियाओ, (२७) कपिआओ,
(२८) कप्पवडिंसिआओ, (२९) पुफ्फिआओ, (३०) पुष्पचूलिआओ
(३१) वण्हीदसाओ, एवमाइयाइं। के चउरासीइं पइन्नगसहस्साइं भगवओ अरहओ उसह सामिस्स आइतित्थयरस्स तहा
संकिज्जाइं पइन्ना सहस्साइ मज्झिमगाणं जिणवराणं, चोइसपइन्नगसहस्साणि भगवओ ॐ वद्धमाणसामिस्स। ॐ अहवा जस्स जत्तिआ सीसा उप्पत्तिआए, वेणइआए, कम्मियाए, पारिणामिआए म चउव्विहाए बुद्धीए उववेआ, तस्स तत्तिआई पइण्णगसहस्साइं। पत्तेअबुद्धा वि तत्तिआ
चेव, से तं कालिग सेत्तं आवस्सयइरित्तं। से तं अणंगपविट्ट। ____ अर्थ-प्रश्न-ये कालिकसूत्र कितने हैं ?
उत्तर-कालिकसूत्र अनेक बताए हैं। जैसेॐ (१) उत्तराध्ययन सूत्र, (२) दशाश्रुतस्कन्ध, (३) कल्प-बृहत्कल्प, (४) व्यवहार,
(५) निशीथ, (६) महानिशीथ, (७) ऋषिभाषित, (८) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति, (९) द्वीपसागरश्री नन्दीसूत्र
( ३७२ )
Shri Nandisutra 05555555555555555555555555EO
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