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१९. चित्र परिचय |
Illustration No. 19
पारिणामिकी बुद्धि का दृष्टान्त १. वररुचि और मंत्री शकटार-राजा नन्द की सभा में पण्डित वररुचि नित्य ही नये-नये श्लोक सुनाकर उसकी स्तुति करता है। परन्तु महामंत्री शकटार ने कभी भी उसकी काव्य रचना की प्रशंसा नहीं की, इस कारण नन्द राजा ने उसे कुछ भी पुरस्कार नहीं दिया।
२. वररुचि का अपमान-महामंत्री शकटार ने बताया-वररुचि पुराने श्लोक बोलता है वे तो मेरी सातों पुत्रियों को कण्ठस्थ हैं। परीक्षा के लिए राजसभा में वररुचि के सामने ही उसके बोले श्लोकों को महामंत्री की पुत्री-यक्षा खड़ी होकर सुना रही है। अन्य छहों पुत्रियाँ बैठी हैं। (सूत्र ५२ की कथा)
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EXAMPLE OF PARINAMIKI BUDDHI 1. Vararuchi and Minister Shakatar-In the assembly of King Nand, Pandit Vararuchi recites new verses everyday in his honour. But prime minister Shakatar never praised his poetry, therefore King Nand did not give him any reward.
2. Insult of Vararuchi-Shakatar said that Vararuchi recited old verses. His seven daughters can recite from memory all what he claims as his own. To test this, the seven daughters are called in the assembly. Yaksha the eldest recites Vararuchi's verses in his presence. The other six are waiting their turn. (52)
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