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(३६२ )
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र डी सूत्र ३१ : तए णं सा काली देवी अहुणोववन्ना समाणी पंचविहाए पज्जत्तीए जहा सूरियाभो दी 2 जाव भासामणपज्जत्तीए। 15 सूत्र ३१ : उत्पन्न होने के पश्चात् वह क्षणमात्र में सूर्याभ देव के समान भाषा, मन आदि पाँच ड
र पर्याप्तियों से युक्त हो गई। (पर्याप्ति = किसी कार्य करने की सम्पूर्ण क्षमता का होना।) 15 31. Within a second after her birth she fully acquired the five capacities of cl 2 speech, thought, etc. just like the Suryaabh goddess. 5 सूत्र ३२ : तए णं सा काली देवी चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव अण्णेसिं च बहूणं र कालवडेंसगभवणवासीणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं जाव विहरइ। एवं खलु डा 5 गोयमा ! कालीए देवीए सा दिव्या देविड्डी दिव्वा देवज्जुई दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते दी 15 अभिसमण्णागए। 15 सूत्र ३२ : तत्पश्चात् वह काली देवी चार हजार सामानिक देवों आदि (सूत्र ७) पर आधिपत्य 15 करती समय बिताने लगी। हे गौतम ! इस प्रकार काली देवी ने वह दिव्य देवऋद्धि, दिव्य देवधुति
र और दिव्य देवानुभव प्राप्त किये हैं और उपभोग योग्य बनाये हैं। 15 32. After this that goddess commenced her divine life ruling over the four 2 thousand vehicle owning gods (etc. as in para 7). Gautam! This is how R goddess Kali acquired her divine capacities, divine aura, and divine 5 experience and made them useful to her.
र सूत्र ३३ : कालीए णं भंते ! देवीए केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? 15 गोयमा ! अड्वाइज्जाइं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। 5 काली णं भंते ! देवी ताओ देवलोगाओ अणंतरं उववट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ ? कहिं दी र उववज्जिहिइ ? 15 गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ, जाव अंतं काहिइ। र सूत्र ३३ : गौतम स्वामी-“भन्ते ! काली देवी की कितने काल की स्थिति (आयु) कही गई
5 है?"
र भगवान-“गौतम ! अढाई पल्योपम की।"
"भन्ते ! काली देवी उस देवलोक के बाद च्यवन करके कहाँ उत्पन्न होगी।" 15 “गौतम ! महाविदेह में उत्पन्न होकर सिद्धि प्राप्त करेगी, दुःखों का अन्त करेगी।"
33. Gautam Swami, “Bhante! What is said to be the life-span of goddess 2 (Kali?" 12 (362)
JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SŪTRA 卐nnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnny
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