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UARUITUUUUU र अठाहरवाँ अध्ययन : सुसुमा
( ३१५ ) SI 5 पडिगए, तं इच्छामो णं देवाणुप्पिया ! सुसुमादारियाए कूवं गमित्तए। तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! से डा र विपुले धण-कणगे, ममं सुंसुमा दारिया। 5 सूत्र २६ : चोरों के चले जाने के बाद धन्य सार्थवाह अपने घर लौटा। जब उसे पता चला कि डा र धन के साथ ही उसकी पुत्री सुंसुमा का भी अपहरण हो गया है तो वह बहुमूल्य भेंट लेकर 15 नगररक्षकों के पास गया और बोला-“देवानुप्रियो ! चिलात नाम के चोर सेनापति ने मेरा घर लूट दी
लिया है और मेरी पुत्री का भी अपहरण कर लिया है। अतः हम सुंसुमा को छुड़ाने जाना चाहते हैं। डी र वहाँ जो भी धन आदि वापस मिलेगा वह सब तुम लोगों को दूंगा, मुझे केवल मेरी पुत्री चाहिए।" डी R REPORT TO THE GUARDS
26. After the thieves left, Dhanya merchant returned to his house. When 5 he found that along with his wealth his daughter Sumsuma had also been
abducted he collected valuable gifts and went to the city guards. He reported S to the head of the guards and requested, “Beloved of gods ! Chief Chilat has raided my house and with my wealth he has also lifted my daughter a
Sumsuma. We want to go to her rescue. I will give you all the wealth we a 15 recover; I want only my daughter."
__ सूत्र २७ : तए णं ते णयरगुत्तिया धण्णस्स एयमढें पडिसुणेति, पडिसुणित्ता सन्नद्ध जावट 15 गहियाउहपहरणा महया महया उक्किट्ठ जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणा रायगिहाओ निग्गच्छंति, दी
र निग्गच्छित्ता जेणेव चिलाए चोरे तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता चिलाएणं चोरसेणावइणा सद्धिं S] 15 संपलग्गा यावि होत्था। र सूत्र २७ : नगररक्षकों ने धन्य की बात सुनी और स्वीकार की तथा कवच, आयुध, प्रहरण डी E आदि धारण कर तैयार हो गये। फिर उच्च स्वर में समुद्र गर्जना जैसा सिंहनाद करते हुए राजगृह टा 15 नगर से बाहर निकले और चिलात सेनापति के पास पहुँच उससे युद्ध करने लगे।
र 27. The guards heard Dhanya merchant's request and accepted it. They ] 5 all got ready after putting on breast plates, weapons, armour, etc. With loud al 15 hails like the thunder of waves they came out of Rajagriha, caught up with 15 Chief Chilat and attacked his gang. र सूत्र २८ : तए णं णगरगुत्तिया चिलायं चोरसेणावइ हयमहिय जाव पडिसेहंति। तए णं ते 2 5 पंच चोरसया णगरगोत्तिएहिं हयमहिय जाव पडिसेहिया समाणा तं विपुलं धण-कणगं - र विच्छड्डेमाणा य विप्पकिरेमाणा य सव्वओ समंता विप्पलाइत्था। 5 तए णं ते णयरगुत्तिया तं विपुलं धण-कणगं गेण्हंति, गेण्हित्ता जेणेव रायगिहे नगरे तेणेव । र उवागच्छति। 15 CHAPTER-18 : SUMSUMA
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