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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र डी 5 7. When this continued the children again complained to their parents (e
5 crying. B The parents of these children got annoyed, angry and furious and they a 5 went to Dhanya merchant seething with anger. They explained everything to 5 Dhanya merchant expressing their extreme displeasure. र दास-चेटक का निष्कासन
र सूत्र ८ : तए णं से धण्णे सत्थवाहे बहूणं दारगाणं दारियाणं डिंभयाणं डिभियाणं टा 15 कुमारगाणं कुमारियाणं अम्मापिऊणं अंतिए एयमढे सोच्चा आसुरुत्ते चिलायं दासचेडं
र उच्चावयाहिं आउसणाहिं आउसइ, उद्धंसइ, णिब्भच्छेइ, णिच्छोडेइ, तज्जेइ, उच्चावयाहिं 15 तालणाहिं तालेइ, साओ गिहाओ णिच्छुभइ।
2 सूत्र ८ : बच्चों के माता-पिताओं की बातें सुनकर धन्य सार्थवाह एकदम कुपित हो गया। उसने 2 15 चिलात को ऊँचे-नीचे शब्दों में फटकारा, उसका तिरस्कार किया, भर्त्सना की, धमकी दी, तर्जना दी र की, खूब खरी-खोटी सुनाकर ताड़ना की और अपने घर से बाहर निकाल दिया। » CHILAT FIRED 5 8. When Dhanya merchant listened to the complaints from the parents of 15 the children he lost his temper. He expressed his anger by uttering angry
5 words in low and high pitched voice. In the same manner he insulted, IP deplored, warned and rejected Chilat. And at last, cursing and shouting, he
3 kicked Chilat out of his house. 15 सूत्र ९ : तए णं से चिलाए दासचेडे साआ गिहाओ णिच्छूढे समाणे रायगिहे नयरे सिंघाडए
र जाव पहेसु य देवकुलेसु य सभासु य पवासु य जूयखलएसु य वेसाघरेसु य पाणघरएसु य टा 5 सुहंसुहेणं परियट्टइ।
5 तए णं चिलाए दासचेडे अणोहट्ठिए अणिवारिए सच्छंदमई सइरप्पयारी मज्जपसंगी 15 चोज्जपसंगी मंसपसंगी जूयप्पसंगी वेसापसंगी परदारप्पसंगी जाए यावि होत्था। 15 सूत्र ९ : घर से तिरस्कार पूर्वक निकाला हुआ चिलात राजगृह नगर में शृंगाटकों आदि विभिन्न दी 1 पथों पर, देवालयों में, सभाओं में, प्याउओं में, द्यूत-गृहों में, वेश्या-गृहों में तथा मदिरालयों में Si
र आनन्द मनाता हुआ भटकने लगा। 15 जब उस दासपुत्र को कोई रोकने-टोकने वाला ही नहीं रहा तो वह निरंकुश, स्वेच्छाचारी, डा
र मदिरालुब्ध, चोर, माँसाहारी, जुआरी, वेश्याचारी, परस्त्री भोगी तथा अन्य दुराचारों में आसक्त हो ही 15 गया। 15 (306)
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