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FATOTTTTTTTTTTTTTTT र ( ३०४ )
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र डा 15 Sumsuma who was younger than these five brothers. She was beautiful and 5 delicate.
Dhanya merchant had a slave-boy named Chilat. Chilat had a fully S 5 developed body and was healthy. He was expert in looking after children and 15 entertaining them. र दास-चेटक : उसकी शैतानी
सूत्र ३ : तए णं से दासचेडे सुंसुमाए दारियाए बालग्गाहे जाए यावि होत्था। सुसुमं दारियंट र कडीए गिण्हइ, गिण्हित्ता बहूहिं दारएहिं य दारियाहि य डिंभएहिं य डिंभयाहिं य कुमारएहिं यह र कुमारियाहि य सद्धिं अभिरममाणे अभिरममाणे विहरइ।
सूत्र ३ : वह दासपुत्र चिलात बालिका सुंसुमा की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया। डा र चिलात बालिका सुंसुमा को गोद में लेता और अनेक लड़के-लड़कियों, बच्चे-बच्चियों और ट 15 कुमार-कुमारियों के साथ खेलता रहता था।
5 CHILAT'S MISCHIEF 2 3. Slave boy Chilat was appointed to look after baby Sumsuma. He used SI B to pick up the infant and play with many children from the neighbourhood. Ş 5 सूत्र ४ : तए णं चिलाए दासचेडे तेसिं बहूणं दारयाण य दारियाण य डिंभयाण य डिंभिया ट र य कुमारयाण य कुमारियाण य अप्पेगइयाणं खुल्लए अवहरइ, एवं वट्टए आडोलियाओ तेंदूसएड र पोत्तल्लए साडोल्लए, अप्पेगइयाणं आभरणमल्लालंकारं अवहरइ, अप्पेगइए आउसइ, एवं 15 अवहसइ, निच्छोडेइ, निब्भच्छेइ, तज्जेइ, अप्पेगइए तालेइ।
सूत्र ४ : चिलात खेलते समय उन बच्चों में से किसी की कौड़ियाँ ले लेता तो किसी के वर्तरु डा र (लाख के गोले), किसी की गेंद, किसी का डण्डा, किसी की गुड़िया आदि छीन लेता था। वह उन टा
बच्चों के आभरण, माला और अलंकार भी चुरा लेता था। यही नहीं, वह उन बच्चों में से किसी द र पर क्रोध करता, किसी की हँसी उड़ाता, किसी को ठग लेता, किसी की भर्त्सना, किसी की तर्जना र करता और किसी को मारता-पीटता रहता था। 5 4. While playing with children Chilat would snatch playthings like shells, c
shellac balls, balls, sticks, dolls, etc. from the boys and girls. He would also
steal the necklaces and other ornaments from the children. Not only this, heç र used to shout at some children, and tease, cheat, insult, molest, and beat र others.
सूत्र ५ : तए णं ते बहवे दारगा य दारिया य डिंभया य डिभिया य कुमारा य कुमारिया डा र य रोयमाणा य कंदमाणा य तिप्पमाणा य सोयमाणा य विलवमाणा य साणं-साणं अम्मा-पिऊण, एणिवेदेति। 15 (304)
JNĀTĀ DHARMA KATHÄNGA SŪTRA
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