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र सत्रहवाँ अध्ययन : आकीर्ण
( २८९ ) हा 15 वस्तुएँ अपूर्व हैं, पहले कभी नहीं देखी हैं, इनका अनुभव भी नहीं है, उनमें न तो मूर्छित हुए, न ई र ही गृद्ध व आसक्त हुए, अतः शंकित होकर उनसे दूर चले गये और चारागाह भूमि में जाकर र घास-पानी पर ही निर्भर रहकर निर्भय व निरुद्विग्न हो सुखपूर्वक विचरने लगे। 5 BENEFIT OF APATHY F 21. After some time the horses came to all these spots where objects with R beautiful and enticing sound, touch, taste, form and smell were placed. Many 5 of the horses thought that these things were new to them and beyond their 15 experience, and thus they were not attracted, allured, or enticed by them. In
fact, they became wary of them and drifted away to their familiar pastures
and resumed their normal activities contented with the available grass and र water. 15 सूत्र २२ : एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा निग्गंथी वा सद्द-फरिस-रस-रूव-5
र गंधेसु णो सज्जइ, से णं इहलोगे चेव बहूणं समणाणं समणीणं सावयाणं सावियाणं य द 15 अच्चणिज्जे जाव वीइवयइ।
5 सूत्र २२ : हे आयुष्मान् श्रमणो ! इस प्रकार हमारा जो साधु-साध्वी वर्ग है, वह शब्द द 15 स्पर्श, रस, रूप और गंध में आसक्त नहीं होता मूर्छित व गृद्ध नहीं होता, वह इस लोक में ड
र अनेक साधु-साध्वि-श्रावक-श्राविकाओं का पूजनीय होता है और संसार-अटवी को पार कर ट 15 लेता है। 12 22. Long-lived Shramans! In this way those of our ascetics who are not a
5 attracted, allured, or enticed by the subjects of the five senses of sound, 15 touch, taste, form and smell become the objects of reverence of many ascetics 15 and lay persons and cross the ocean of rebirth.
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15 आसक्ति का दुष्परिणाम र सूत्र २३ : तत्थ णं अत्थेगइया आसा जेणेव उक्किट्ठ सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधा तेणेव दी र उवागच्छंति, उवागच्छित्ता तेसु उक्किठे सु सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधेसु मुच्छिया जाव अन्झोववण्णा र आसेविउं पयत्ता यावि होत्था। तए णं ते आसा एए उकिडे सद्द-फरिस-रस-रूव गंधे आसेवमाणा दा र तेहिं बहूहिं कूडेहि य पासेहि य गलएसु य पाएसु य बझंति। 5 सूत्र २३ : उनमें से अनेक घोड़े उन उत्कृष्ट लुभावनी वस्तुओं में अति मूर्च्छित और आसक्त हो ई 15 गये और उनका सेवन भोग उपभोग करने लगे। वे सभी अश्व राज-सेवकों द्वारा अनेकों कूटपाशों
र (जाल) में, गले के फंदे, पैर के बंधन आदि से उलझ गये और पकड़ लिए गये। 15 CHAPTER-17: THE HORSES yAnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnn
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