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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र डा 5 ALLUREMENTS FOR HORSES
14. The servants also included in their cargo every variety of objects of art that appealed to eyes. This included multi-coloured things made in wood, B paintings, writings, terra-cottas, knit-work, coated things, inlaid works, and mixed art pieces.
Then they included fragrant items that appealed to the sense of smell. s. 2 This included concentrates of Tagar, Ela, Ketaki, sandal-wood, Juhi and S 5 many other types of perfumes and fragrant powders. 5 Also loaded were things that appealed to the taste buds. These included
different types of sugar such as semi-finished, powdered, crystallized, etc. S 5 In the end they loaded bed covers, blankets, rugs, mattresses and other 2 5 such products made of cotton, wool, leather, etc. that appealed to the sense of ट 5 touch. र सूत्र १५ : भरित्ता सगडीसागडं जोएंति, जोइत्ता जेणेव गंभीरपोयट्ठाणे तेणेव उवागच्छंति ] 15 उवागच्छित्ता सगडीसागडं मोएंति, मोइत्ता पोयवहणं सज्जेंति सज्जिता तेसिं उक्किट्ठाणं डा
र सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधाणं कट्ठस्स य तणस्स य पाणियस्स य तंदुलाण य समियस्स य गोरसस्स ट्र 5य जाव अन्नेसिं च बहूणं पोयवहण-पाउग्गाणं पोयवहणं भरेंति। र सूत्र १५ : उन्होंने यह सभी सामान गाड़ियों में भरकर, गाड़ियाँ जोत कर गंभीर पट्टन की ओर 5 चले आये। वहाँ पहुँचकर गाड़ियाँ खोल दी और जहाज तैयार किये। फिर जहाज में लाई हुई सभी दा र खाद्य-गंध-स्पर्श योग्य सामग्री तथा काठ, घास, जल, चावल, आटा, दूध आदि अन्य सभी प्रकार 5 र की आवश्यक सामग्री भर ली।
15. After loading all this material they moved to Gambhir port and transferred the cargo into the ship. They also loaded enough quantities of र other essential items like wood, hay, soft water, flour, milk, etc. र जाल बिछाना
सूत्र १६ : भरित्ता दक्खिणाणुकूलेणं वाएणं जेणेव कालियदीवे तेणेव उवागच्छंति, दा र उवागच्छित्ता पोयवहणं लंबेंति, लंबित्ता ताई उक्किट्ठाइं सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधाइं एगट्ठियाहिंद्रा 5 कालियदीवं उत्तारेंति, उत्तारित्ता जहिं जहिं च णं ते आसा आसयंति वा, सयंति वा, चिट्ठति द
र वा, तुयटृति वा, तहिं तहिं च णं ते कोडुंबियपुरिसा ताओ वीणाओ य जाव चित्तवीणाओ या 15 अन्नाणि बहूणि सोइंदियपाउग्गाणि य दव्वाणि समुदीरेमाणा समुदीरेमाणा चिट्ठति, तेसिं च द र परिपेरंतेणं पासए ठवेंति, ठवित्ता णिच्चला णिफंदा तुसिणीया चिट्ठति।
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JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SŪTRA FAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAnnnnnnnny
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