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र सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( २६३ ) डा 15 सूत्र २०५ : और फिर पाण्डु राजा ने कुन्ती देवी को बुलाकर कहा-“देवानुप्रिये ! तुम द्वारका दी र जाओ और वासुदेव कृष्ण से निवदेन करो-" हे देवानुप्रिय ! तुमने पाँचों पाण्डवों को देश निकाले ड र की आज्ञा दी है परन्तु तुम्हारा आधिपत्य तो समस्त दक्षिणार्ध भरत क्षेत्र पर है। अतः तुम्ही बताओ ट] 15 कि पाँचों पाण्डव किस देश, किस दिशा या विदिशा में जायें ?" 15 KUNTI GOES TO KRISHNA र 205. After this King Pandu called queen Kunti and said, “Beloved of gods!
Proceed to Dwarka and submit before Krishna Vasudev-'Beloved of gods! 15 You have ordered the five Pandavs to leave the country but you are the al 5 sovereign of the whole southern Bharat. As such, kindly tell to which country टी 5 or direction the Pandavs should go?' र सूत्र २०६ : तए णं सा कोंती पंडुणा एवं वुत्ता समाणी हत्थिखंधं दुरूहइ, दुरूहित्ता जहा 15 हेट्ठा जाव-'संदिसंतु ण पिउत्था ! किमागमण पओयणं? 5 तए णं सा कोंती कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु पुत्ता ! तुमे पंच पंडवा णिव्विसया र आणत्ता, तुमं च णं दाहिणड्डभरहस्स सामी। तं संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ते पंच पंडवा कयरं देसं र वा दिसं वा जाव विदिसिं वा गच्छंतु? 5 सूत्र २०६ : राजा पाण्डु के कहने पर कुन्ती देवी हाथी पर आरूढ़ होकर द्वारका गईं और डा र कृष्ण वासुदेव के पास पहुँची (विस्तृत विवरण-पूर्व सूत्र १५४, १५५ के अनुसार)। कृष्ण ने पूछा15 “बुआ ! कहिये कैसे आना हुआ?"
र कुन्ती ने उत्तर दिया-“हे पुत्र ! तुमने पाण्डवों को देश निकाले की आज्ञा दी है। पर तुम तो ड 15 समस्त दक्षिणार्ध भारत के स्वामी हो, ऐसे में तुम्ही बताओ वे कहाँ जायें ?" > 206. As directed by King Pandu queen Kunti rode an elephant and went ç 2 to Krishna Vasudev in Dwarka (details as before). Krishna asked, “Aunt! S] B Please say what brings you to me?" 15 Kunti replied, “Beloved of gods! You have ordered the five Pandavs to C
leave the country but you are the sovereign of the whole southern Bharat. As Ç 2 such, kindly tell to which country or direction the Pandavs should go?" S 5 सूत्र २०७ : तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंतिं देविं एवं वयासी-'अपूइवयणा णं पिउच्छा! ट
र उत्तमपुरिसा-वासुदेवा बलदेवा चक्कवट्टी। तं गच्छंतु णं पंच पंडवा दाहिणिल्लं वेयालिं, तत्थ ड 15 पंडुमहुरं णिवेसंतु, ममं अदिट्ठसेवगा भवंतु' त्ति कटु सक्कारेइ, सम्माणेइ, जाव पडिविसज्जेइ। द
र सूत्र २0७ : कृष्ण वासुदेव ने कुन्ती से कहा-“बुआ ! वासुदेव, बलदेव व चक्रवर्ती जैसे उत्तम SI 5 पुरुष आपूर्तिवचन (अपना वचन पूरा करने वाले) होते हैं, उनके वचन न तो मिथ्या होते न वापस ट
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TER-16 : AMARKANKA FAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAALI
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