________________
मण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्य
र नवम अध्ययन : माकन्दी
(९) टा ___ फलहंतर-तडतडेंत-फुटुंत-संधिवियलंत-लोहकीलिया, सव्वंग-वियंभिया, परिसडिय-रज्जु-भा र विसरंत-सव्वगत्ता, आमगमल्लगभूया, अकयपुण्ण-जणमणोरहो विव चिंतिज्जमाणागुरुई,
हाहाकय-कण्णधार-नाविय-वाणियगजण-कम्मगार-विलविया, ___णाणाविह-रयण-पणिय-संपुण्णा, बहूहिं पुरिस-सएहिं रोयमाणेहिं कंदमाणेहिं सोयमाणेहिड र तिप्पमाणेहिं विलवमाणेहिं एगं महं अंतोजलगयं गिरिसिहर-मासायइत्ता संभग्ग-कूवतोरणा द
मोडिय-झय-दंडा वलयसयखंडिया करकरस्स तत्थेव विद्दवं उवगया। 12 सूत्र ८ : वे (आपदाएँ) इसप्रकार हैं-असमय गर्जना होने लगी और बिजली चमकने लगी। 15 असमय ही तीव्र कडकडाहट जैसी ध्वनियों के साथ भयंकर आँधी चलने लगी। र और तब वह नाव काल तुल्य तूफानी हवा के प्रभाव से बार-बार काँपने लगी, इधर-उधर ट र डोलने लगी, डूबने-उतरने लगी, तीव्र वेग वाली लहरों से टकराकर चक्कर लगाने लगी, और धरती डा 15 पर पटकी हुई गेंद की तरह यहाँ-वहाँ उठने-गिरने लगी।
र जैसे सिद्धि प्राप्त विद्याधर कन्या धरती की सतह से उछलती है उसी प्रकार वह नाव उछलने दा 15 लगी।
___ जैसे विद्याभ्रष्ट विद्याधरकन्या गगन से नीचे गिरती है वैसे ही वह नाव गिरने लगी। 15 जैसे विशाल गरुड से डरी हुई नागकन्या भागती है वैसे ही वह नाव इधर-उधर भागने लगी।
B जैसे खोई हुई बछेरी (अश्वकन्या) भीड के शोर से भयभीत हो दौड़ती है वैसे ही वह नाव भी डा 5 दौड़ने लगी। 5 जैसे गुरुजनों द्वारा दोष जान लिये जाने पर कुलीन कन्या नीचे झुकने लगती है वैसे ही वह हे नाव झुकने लगी। र सैंकड़ों लहरों के निरन्तर प्रहार से वह थरथराने लगी। वह नाव आकाश में बिना सहारे रही डा 15 वस्तु के समान नीचे गिरने लगी।
र उसके पानी भरे जोड़ों से जलधाराएँ बहने लगीं मानो पति की मृत्यु पर कोई नववधू आँसू 15 बहा रही है।
र उस नाव से विलाप के स्वर यों उठ रहे थे कि मानो किसी शत्रु राजा की सेना से घिरी हुई 15 घोर महाभय से पीड़ित कोई श्रेष्ठ नगरी हो। र बगुले के समान कपट-सहित योग-साधनारत परिव्राजिका की तरह वह रह-रह कर स्थिर हो 15 जाती थी। र विशाल जंगल में से पैदल चलकर आई वृद्धा गर्भवती स्त्री के समान वह नौका हाँफने लगी टा
5 थी।
PTER-9 : MAKANDI
(9) Fennnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnn
म
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org