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DDDD P२ सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका 5 manner she lived long as an ascetic. In the end she observed the ultimate
vow of fifteen days duration and died without reviewing and atoning for her misconduct. She reincarnated as a courtesan of gods in the Ishankalp. Some
of the goddesses have a life-span of nine Palyopams in that dimension. 2 Goddess Sukumalika's life-span was also that. र द्रौपदी-कथा 5 सूत्र ७५ : तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पंचालेसु जणवएसुडा र कंपिल्लपुरे नाम नगरे होत्था। वन्नओ। तत्थ णं दुवए नाम राया होत्था, वन्नओ। तस्स णं चुलणी 15 देवी, धट्ठजुण्णे कुमारे जुवराया।
र सूत्र ७५ : काल के उस भाग में इसी जम्बूद्वीप में भरतक्षेत्र के पांचाल देश में काम्पिल्यपुर नाम । 5 का एक नगर था। वहाँ के राजा का नाम द्रुपद, पटरानी का नाम चुलनी और युवराज का नाम टा
धृष्टद्युम्न था। (विस्तृत विवरण औपपातिक सूत्र के अनुसार) $ STORY OF DRAUPADI
75. During that period of time there was a city named Kampilyapur in the 15 Panchal state in Bharat area of the Jambu continent. King Drupad ruled a 5 over that city. The name of his wife was queen Chulni and that of the prince 5 was Dhrishtadyumn. (details as in Aupapatik Sutra) र सूत्र ७६ : तए णं सा सूमालिया देवी ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं जाव चइत्ता इहेवट 15 जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पंचालेसु जणवएसु कंपिल्लपुरे नयरे दुपयस्स रण्णो चुलणीए देवीए डा
र कुच्छिसि दारियत्ताए पच्चायाया। तए णं सा चुलणी देवी नवग्रहं मासाणं जाव दारियं पयाया। 5 सूत्र ७६ : सुकुमालिका देवी उस देवलोक से आयु, भव और स्थिति को समाप्त कर देव शरीर र त्याग कर इसी जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्रान्तर्गत पांचाल जनपद के कंपिल्यपुर नगर के द्रुपद राजा की । र रानी चुलनी की कोख में कन्या रूप में अवतरित हुई। रानी ने नौ मास पूर्ण होने पर पुत्री को जन्म टी 5 दिया P 76. The soul of Sukumalika, completing her age, state, and life as god and
leaving the divine form descended into the womb of queen Chulni the wife of 2 king Drupad of Kampilyapur in the Panchal state in Bharat area of the Jambu continent. After nine months the queen gave birth to a daughter.
माणात
नामकरण र सूत्र ७७ : तए णं तीसे दारियाए निव्वत्तवारसाहियाए इमं एयारूवं नामधेज्जं-जम्हा गंध 5 एसा दारिया दुवयस्स रण्णो धूया चुलणीए देवीए अत्तया, तं होउ णं अम्हं इमीसे दारियाए । IS CHAPTER-16 : AMARKANKA
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