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प्रथम अध्ययन : उत्क्षिप्त ज्ञात
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गणणायग जाव सद्धिं आसाएमाणा विसाएमाणा परिभाएमाणा परिभुंजेमाणा एवं च णं । विहरइ।
सूत्र ६४. स्नानादि नित्य कर्म से निवृत्त हो वस्त्राभूषण पहन राजा श्रेणिक व देवी धारिणी परिवारजनों सहित विशाल भोजन मंडप में आये और आमंत्रित अतिथियों के साथ महाभोज में सम्मिलित हो स्वाद, आनन्द और परस्पर मनुहार के साथ भोजन किया।
64. Following their daily routine including bath and donning ceremonial dresses and regalia King Shrenik and Queen Dharini arrived at the feast pavilion. They joined their guests in the feast, joyously greeted them and offered them food with all due courtesy. नामकरण संस्कार
सूत्र ६५. जिमियभुत्तुत्तरागया वि य णं समाणा आयंता चोक्खा परमसुइभूया तं मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरिजण गणणायग विपुलेणं पुष्फ-गंध-मल्लालंकारेणं सक्कारेंति, संमाणेति, सक्कारिता सम्माणित्ता एवं वयासी-“जम्हा णं अम्हं इमस्स दारगस्स गब्भत्थस्स चेव समाणस्स अकाल-मेहेसु डोहले पाउब्भूए, तं होउ णं अहं दारए मेहे नामेणं मेहकुमारे।" तस्स दारगस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं गोण्णं गुणनिष्फन्नं नामधेज्जं करेन्ति। __ सूत्र ६५. भोजन समाप्त होने पर आचमन करने और हाथ-मुँह धोकर स्वच्छ होने के बाद उन्होंने आमन्त्रित अतिथियों का विपुल वस्त्रादि (पूर्व सम) से सम्मान-सत्कार किया। इस समस्त औपचारिकता के बाद राजा ने कहा-"हमारा यह पुत्र जब गर्भ में था तब इसकी माता को अकाल-मेघ का दोहद हुआ था इस कारण इसका नाम मेघकुमार होना चाहिए।'' इस प्रकार माता-पिता ने बालक का गुणानुकूल नाम मेघकुमार रखा।
NAMING CEREMONY
65. When the feast concluded the king and the queen washed their hands and freshened up. They offered their guests ample gifts including dresses (as detailed earlier) with due respect and courtesy. After all these formalities the king addressed the assemblage—“When this son of ours was in the womb, the mother had a Dohad of untimelyclouds, as such, his name should be Megh (cloud) Kumar.” Thus the new-born was formally named Megh Kumar by the parents. The name reflected the apparent virtues of the individual.
CHAPTER-1 : UTKSHIPTA JNATA
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