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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
FAREWELL TO THE GOD
57. When this work was concluded, Abhay Kumar returned to the Paushadhashala and bid farewell to the god with due respect, regard, and gratitude.
Taking his leave from Abhay Kumar the god withdrew his divine influence and the weather returned to normal. He then left for his abode.
सूत्र ५८. तए णं सा धारिणी देवी तंसि अकालदोहलंसि विणीयंसि संमाणियदोहला तस्स गब्भस्स अणुकंपणट्ठाए जयं चिट्ठति, जयं आसयति, जयं सुवति, आहारं पि य णं आहारेमाणी णाइतित्तं णातिकडुयं णातिकसायं णातिअंबिलं णातिमहुरं जं तस्स गब्भस्स हियं मियं पत्थयं देसे य काले य आहारं आहारेमाणी णाइचिंतं, णाइसोगं, णाइदेण्णं, णाइमोहं, णाइभयं, णाइपरित्तासं, ववगयचिंता-सोय-मोह-भय-परित्तासा-उदु-भज्जमाणसुहेहिं भोयण-च्छायण-गंध-मल्लालंकारेहिं तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहति।
तए णं सा धारिणी देवी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्ठमाण राइंदियाणं विइक्कंताणं अद्धरत्तकालसमयंसि सुकुमालपाणिपायं जाव सव्यंगसुंदरंगं दारयं पयाया।
सूत्र ५८. उधर धारिणी देवी ने सम्मानित दोहद वाली होने के पश्चात अपने गर्भ की सुरक्षा की और ध्यान दिया। गर्भ को किसी प्रकार का आघात न लगे इसलिए वे बड़े यत्न से उठती, बैठती और सोती थीं। वे ऐसा आहार करती थीं जो अधिक तीखा, कटु, कसैला, खट्टा या मीठा न हो; देश और काल के (वातावरण व ऋतु) अनुसार गर्भ के लिए लाभदायक हो, अल्प मात्रा में हो, और आरोग्यदायक हो। वे मनोभावनाओं, मानसिक आवेशों पर भी नियन्त्रण रखती थीं। चिन्ता, शोक, दीनता, मोह, भय और त्रास आदि से बचकर रहती थीं। इस प्रकार संयत हो सभी ऋतुओं में सुखदायक भोजन, वस्त्र, गंध, माला, अलंकार आदि भोग करतीं उस गर्भ का वहन-पालन करने लगीं। __नौ महीने और साढ़े सात दिन बीत जाने पर अर्धरात्रि के समय में उन्होंने एक अत्यन्त कोमल और स्वस्थ परिपूर्ण इन्द्रियादि (पूर्व सम) वाले शिशु को जन्म दिया। __58. Once Queen Dharini became the blessed mother' with a fulfilled Dohad, she started taking proper care required during pregnancy. She would get up, sit down, or sleep carefully so as to avoid any harm to the fetus she carried. She stopped eating excessively hot, cold, pungent, bitter, acrid, sour, sweet, greasy, non-greasy, juicy, or dry food. She would eat food that suited the place and the conditions and,
DAMAG
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JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SÜTRA
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