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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
Congo
RADIA Tछा
The king of Kashi asked, “Beloved of gods! Why King Kumbh exiled
you?"
The goldsmiths replied, “Sire ! A joint in the earrings of Princess Malli, the daughter of the king, had broken. The king called us and ordered us to repair it. When we failed to do so he exiled us."
सूत्र ८५. तए णं से संखे सुवनगारे एवं वयासी-“केरिसिया णं देवाणुप्पिया ! कुंभगस्स धूया पभावईए देवीए अत्तया मल्ली विदेहरायवरकन्ना?"
तए णं ते सुवण्णगारा संखरायं एवं वयासी-“णो खलु सामी ! अन्ना काई तारिसिया देवकन्ना वा जाव जारिसिया णं मल्ली विदेहरायवरकन्ना।"
तए णं कुंडलजुअलजणियहासे दूतं सद्दावेइ, जाव तहेव पहारेत्थ गमणाए। __ सूत्र ८५. राजा शंख ने प्रश्न किया-“देवानुप्रियो ! राजा कुम्भ की पुत्री मल्लीकुमारी कैसी है?" ___ सुनारों ने कहा-"स्वामी ! मल्लीकुमारी जैसी सुन्दरी सारे त्रिभुवन में कहीं भी नहीं
यह सुनकर कुंडलादि सहित मल्लीकुमारी के वर्णन से प्रभावित राजा शंख ने विवाह प्रस्ताव सहित अपने दूत को मिथिला के लिए भेज दिया।
85. King Shankh asked, “Beloved of gods ! Tell me about Princess Malli, the daughter of King Kumbh."
Goldsmiths, “Sire ! There is no dame as beautiful as Princess Malli in the whole universe."
The description of the princess and her divine earrings impressed king Shankh so much that he sent his emissary to Mithila with a marriage proposal. राजा अदीनशत्रु
सूत्र ८६. तेणं कालेणं तेणं समएणं कुरुजणवए होत्था, हत्थिणाउरे नयरे, अदीणसत्तू नाम राया होत्था, जाव विहरइ।
सूत्र ८६. काल के उस भाग में कुरु नामक जनपद के हस्तिनापुर नगर पर राजा अदीनशत्रु का शासन था।
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JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SŪTRA
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