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आठवाँ अध्ययन : मल्ली
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Sutra). They sought permission from the senior ascetic and went to the Charu mountain. There they took a two month duration ultimate vow and breathed their last. All these ascetics spent eight million four hundred thousand years as ascetics out of their total age of eight million four hundred thousand Purvas (a superlative measure of time), before going to the dimension of gods. They were born as gods in the third Anuttar Viman named Jayant (a dimension of gods).
The maximum life-span of a god in the Jayant Viman is said to be thirty two Sagaropam (a superlative measure of time). Mahabal had this maximum life-span whereas the others had a few years shorter.
सूत्र २०. तएं णं ते महब्बलवज्जा छप्पिय देवा जयंताओ देवलोगाओ आउक्खएणं ठिइक्खएणं भवक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबद्दीवे दीवे भारहे वासे विसुद्धपिइमाइवंसेसु रायकुलेसु पत्तेयं पत्तेयं कुमारत्ताए पच्चायाया। तं जहा
पडिबुद्धी इक्खागराया १, चंदच्छाए अंगराया २, संखे कासिराया ३, रुप्पी कुणालाहिवई ४, अदीणसत्तू कुरुराया ५, जियसत्तू पंचालाहिवई ६।
सूत्र २0. महाबल के छहों साथी देवलोक की आयु, स्थिति और भव समाप्त होने पर तत्काल शरीर त्याग कर जम्बूद्वीप में भरतवर्ष में माता-पिता के विशुद्ध वंशों व राजकुलों में अलग-अलग कुमार रूप में जन्मे। वे इस प्रकार हैं
(१) प्रतिबुद्धि इक्ष्वाकु देश का राजा बना (अयोध्या)। (२) चंद्रच्छाय अंग देश का राजा बना (चम्पा)। (३) शंख काशी देश का राजा बना (वाराणसी)। (४) रुक्मि कुणाल देश का राजा बना (श्रावस्ती)। (५) अदीनशत्रु कुरु देश का राजा बना (हस्तिनापुर)। (६) जितशत्रु पांचाल देश का राजा बना (कांपिल्यपुर)।
20. Completing the life-span, state, and life in the dimension of gods, all the six friends of Mahabal immediately left there divine
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CHAPTER-8 : MALLI
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