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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र /
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और मोतियों की मालाएँ लटक रही थीं। उस शयनागार में बिछी शय्या को सुगंधित, रंग-बिरंगे, कोमल और रोएँदार फूलों से सजाया गया था। वह कक्ष मन को अतीव आनन्द देने वाला था। कपूर, लौंग, मलय-चन्दन, काला अगर, उत्तम चीड़ा, लोबान आदि की धूप की सुगन्ध से वह कक्ष भरपूर सुवासित था। अन्य तरह-तरह की सुगन्धों से महकता वह कक्ष ऐसा लग रहा था जैसे असंख्य फूलों की गन्ध से महकती वाटिका। अनेक मणि-रत्नों से बिखरते प्रकाश के कारण वहाँ से अंधकार का लोप हो गया था। इस शयनागार के विषय में इससे अधिक कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है कि वह अपनी शोभा से श्रष्ठतम देव विमान को भी लज्जित कर रहा था।
ऐसे अपूर्व शयनागार में एक शय्या बिछी हुई है। उस पर शरीर की लम्बाई जितना गद्दा बिछा हुआ है जिसके दोनों छोरों पर सिर तथा पैरों की ओर दो तकिये रखे हैं। यह शय्या दोनों ओर उठी हुई और बीच में गहरी है। गंगा नदी की बालू में जैसे पाँव फँस जाते हैं वैसे ही इस शय्या में भार रखने से यह नीचे फँस जाती है। इस पर रंग-बिरंगी कशीदा कढ़ी रेशम की महीन चादर बिछी हुई है। इस पर मलय, नवतक, कुशक्त, लिम्ब तथा सिंह केसर से बने कपड़ों की स्वच्छ चद्दरें एक के ऊपर एक बिछी हुई हैं। इन सबकी धूल से रक्षा करने के लिये एक और सादी चद्दर ऊपर ढकी हुई है। इस शय्या पर एक लाल रंग की मच्छरदानी भी तनी हुई है। ऐसी सजी हुई यह शय्या बड़ी सुरम्य है। छूने में यह शय्या कोमल चमड़े, धुनी रुई, बूर वनस्पति, मक्खन और आक की रूई के समान कोमल और स्निग्ध है। स्वप्न ___ रात का पहला पहर बीतने के बाद इस सुन्दर शय्या पर रानी धारिणी सोई हुई थी।
अर्द्धनिद्रित अवस्था में, जब रह-रहकर नींद के झोंके आ रहे थे, उन्होंने एक अत्यन्त विशाल, चाँदी के पर्वत-शिखर जैसे सफेद, सात हाथ ऊँचे प्रशस्त और सर्वांग सुन्दर हाथी को क्रीड़ा करते जम्हाई लेते आकाश से उतर अपने मुँह में प्रवेश करते देखा। यह स्वप्न । देखते ही वे जाग पड़ी। THE BEDROOM
13. Queen Dharini lived in a beautiful palace. Large wooden pillars, beautifully made in a unique shape with six blocks of wood, were erected at proper spots to add to the grandeur and stability of the palace. Lovely and life like figures were chiseled on these polished pillars. Small decorative canopies made of gold and gem stones could be seen at the roof top. Beautiful balustrades, attractive grills and
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QALIRANA
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JNĀTA DHARMA KATHANGA SŪTRA
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