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TREAT
ORDRO
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The third daughter-in-law, Rakshika, thought, “My father-in-law has called me and given these grains in front of friends and relatives and asked me to protect them. There must be some specific and important reason for this." Accordingly she tied the grains in a clean piece of cloth, put the packet carefully in her jewellery box and placed it near the pillow on her bed. She made it a habit to watch the packet every morning, afternoon, and evening.
दूरदर्शी रोहिणी
सूत्र ७. तए णं से धण्णे सत्थवाहे तस्सेव मित्त. जाव चउत्थिं रोहिणीयं सुण्हं सद्दावेइ । सद्दावेत्ता जाव "तं भवियव्वं एत्थ कारणेणं, तं सेयं खलु मम एए पंच सालिअक्खए सारक्खमाणीए संगोवेमाणीए संवडेमाणीए " त्ति कट्टु एवं संपेहेइ, संपेहित्ता कुलधरपुरिसे सहावेइ, सहावेत्ता एवं वयासी
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
"तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! एए पंच सालिअक्खए गेहह, गेण्हित्ता पढमपाउसंसि महावुट्ठिकार्यसि निवइयंसि समाणंसि खुड्डागं केयारं सुपरिकम्मियं करेह । करित्ता इमे पंच सालि अक्खए वावेह । वावेत्ता दोच्चं पि तच्वंपि उक्खयनिक्खए करेह, करेत्ता वाडिपरिक्खेवं करेह, करिता सारक्खेमाणा संगोवेमाणा अणुपुव्वेणं संवढेह | "
सूत्र ७. धन्य सार्थवाह ने अन्त में चौथी पुत्र वधू रोहिणी को बुलाया और उसी प्रकार पाँच दाने चावल दिये। रोहिणी ने विचार किया - "इस प्रकार पाँच दाने देने के पीछे कोई रहस्य होना चाहिए। अतः मुझे चाहिए कि मैं इनका संरक्षण और संगोपन ही नहीं, संवर्धन भी करूँ।" यह सोचकर उसने अपने पीहर वालों को बुलाया और कहा
“देवानुप्रियो ! तुम ये पाँच चावल के दाने लो। वर्षा ऋतु आरंभ होने पर जब प्रचुर वर्षा हो तब एक छोटी-सी साफ क्यारी में ये पाँच दाने बो देना। फिर पौध को तीन-चार बार स्थान बदलकर रोप देना । क्यारी के चारों तरफ बाड़ लगा देना। इस प्रकार रक्षा करते हुए क्रमशः इन्हें बढ़ाना।"
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FAR-SIGHTED ROHINI
7. In the end Dhanya Merchant called his fourth daughter-in-law, Rohini, and gave her five grains of rice. Rohini thought, “There must be some secret behind this act of giving rice grains. As such, I should not only hide and protect them but also multiply them. Accordingly she called her maternal people and said
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JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SUTRA
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