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पंचम अध्ययन : शैलक
“ and protection. As such, we shall also take Diksha. Beloved of gods! As you have been our guide in all our worldly activities so you shall be in our ascetic activities."
सूत्र ५०. तए णं से सेलगे पंथगपामोक्खे पंच मंतिसए एवं वयासी - "जइ णं देवाप्पिया ! तुभे संसारभयउव्विगा जाव पव्वयह, तं गच्छह णं देवाणुप्पिया ! सएस ससु कुडुंबे जेट्ठे पुत्ते कुटुंबमज्झे ठावेत्ता पुरिस-सहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूढा समाणा मम अंतियं पाउब्भवह" त्ति । तहेव पाउब्भवंति ।
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सूत्र ५०. शैलक राजा ने उनसे कहा - "हे देवानुप्रियो ! यदि तुम भी दीक्षा लेना चाहते हो तो जाओ और अपने-अपने कुटुम्बों में अपने-अपने ज्येष्ठ पुत्रों को कुटुम्ब का उत्तरदायित्व सौंपो और पुरिससहस्स वाहनों पर बैठकर मेरे पास लौटो ।” सब मंत्री अपने-अपने घर गये और राजाज्ञा का पालन कर लौट आए।"
50. King Shailak said, “Beloved of gods! If you want to take Diksha go and bid good bye to your families after handing over the responsibilities of your families to your eldest sons. After this, return here sitting in the Purisasahassa palanquins." All the ministers went away and complying the king's order returned back.
सूत्र ५१. तए णं से सेलए राया पंच मंतिसयाई पाउब्भवमाणाइं पासइ, पासित्ता कोडुंबियपुर सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी - " खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! मंडुयस कुमारस महत्थं जाव रायाभिसेयं उवट्ठवेह |" अभिसिंचइ जाव राया जाए, जाव विहरइ |
सूत्र ५१. राजा ने प्रसन्न होकर अपने सेवकों को बुलाया और कहा - " - "देवानुप्रियो ! जल्दी से मंडुक - कुमार के वैभवपूर्ण राज्याभिषेक की तैयारी करो। " सेवकों ने आज्ञा का पालन किया। शैलक राजा ने कुमार का राज्याभिषेक किया और मंडुक राजा सुखपूर्वक रहने लगा।
51. The king, with all enthusiasm, called his attendants and said, "Beloved of gods! Immediately make all arrangements for a grand coronation of prince Manduk." The attendants did as told. King Shailak crowned the prince and left him to enjoy the power and pleasures of the new life.
शैलक की दीक्षा
सूत्र ५२. तए णं से सेलए मंडुयं रायं आपुच्छइ । तए
CHAPTER-5: SHAILAK
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से मंडुए राया
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