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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
चित्र परिचय THE ILLUSTRATIONS EXPLAINED
TONS EXPLAINED_
मयूरी के अण्डे
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चित्र : ११
चम्पा निवासी श्रेष्ठीपुत्र, जिनदत्तपुत्र और सागरदत्तपुत्र एक बार वन विहार करते हुए सुभूमिभाग उद्यान के मालुकाकच्छ लताकुंज में पहुँच गये। वहाँ एक मयूरी ने अण्डे दे रखे थे। इन्हें आता देखा तो वह भयभीत होकर वृक्ष पर जाकर बैठ गई और जोर-जोर से शब्द करने लगी। श्रेष्ठी पुत्रों ने सोचा-हम इन अण्डों को ले जाकर पालेंगे, इनसे मोर के बच्चे पैदा होंगे तो उन्हें शिक्षित कर मयूर नृत्य कराकर अपना व लोगे का मनोरंजन करेंगे।
दोनों ने एक-एक अण्डा ले लिया। घर आकर अपने-अपने सेवकों को दे दिया और कहा-इनका पालन-पोषण करें। सेवकों ने उन्हें मुर्गी के अण्डों के बीच पलने के लिए रख दिया।
(अध्ययन ३)
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PEA-HEN EGGS
ILLUSTRATION: 11
Once two merchant boys took along a courtesan and came to Subhumibhag garden for entertainment. They saw that a wild pea-hen had laid two eggs in a thicket in this garden. When the pea-hen saw them approaching it flew. Perched on a nearby tree she started quacking in panic. The merchant boys arranged to send one egg to each one's house with servants so that domestic hens could hatch and produce peacock chickens for their entertainment.
(CHAPTER-3)
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JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SUTRA
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