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द्वितीय अध्ययन : संघाट
( १७१)
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और लक्षणहीन हूँ कि यह सब कुछ नहीं कर पाती। अतः हे देवानुप्रिय ! मैं चाहती हूँ कि आपकी अनुमति से अशन-पान आदि यथेष्ट सामग्री ले जाकर नागादि देवों की यथाविधि पूजा-अर्चना करके मन्नत मानूँ (पूर्वसम)।"
8. Next morning Bhadra went to Dhanya merchant and said, "Beloved of gods ! Since many years I have been enjoying my married life with you but I have not been able to give birth even to a single child. Other women sing lullabies to their children but I am the wretched, cursed, unqualified, and ill-fated one that has been deprived of any of the pleasures of motherhood. As such, beloved of gods ! I want to have your permission and go for the worship of gods and seek their blessings (details as before).” । ___ सूत्र ९. तए णं धण्णे सत्यवाहे भदं भारियं एवं वयासी-“ममं पि य णं खलु देवाणुप्पिए ! एस चेव मणोरहे-कहं णं तुमं दारगं वा दारियं वा पयाएज्जासि ? भद्दाए सत्थवाहीए एयमटुं अणुजाणाइ।
सूत्र ९. धन्य सार्थवाह ने उत्तर दिया-“हे देवानुप्रिये ! अवश्य करो ! मेरी भी यह मनोकामना है कि जैसे भी हो तुम सन्तानवती होओ।" ऐसा कहकर धन्य सार्थवाह ने भद्रा को पूजा कर मन्नत मानने की अनुमति दी।
9. Dhanya merchant replied, “Beloved of gods ! Go ahead. I also earnestly desire that you bear a child somehow." With these words Dhanya merchant gave his permission to Bhadra to worship deities and seek their blessings.
सन्तान के लिए मन्नत
सूत्र १०. तए णं सा भद्दा सत्थवाही धण्णेणं सत्थवाहेणं अब्भणुन्नाया समाणी हट्टतुट्ठ जाव हयहियया विपुलं असण-पाण-खाइम-साइमं उवक्खडावेइ। उवक्खडावेत्ता सुबहुं पुष्फ-गंध-वत्थ-मल्लालंकारं गेण्हइ। गेण्हित्ता सयाओ गिहाओ निग्गच्छइ। निग्गच्छित्ता रायगिहं नगरं मझमज्झेणं निग्गच्छइ। निग्गच्छित्ता जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ। उवागच्छित्ता पुक्खरिणीए तीरे सुबहुं पुष्फ जाव मल्लालंकारं ठवेइ। ठवित्ता पुक्खरिणिं ओगाहेइ। ओगाहित्ता जलमज्जणं करेइ, जलकीडं करेइ, करित्ता ण्हाया कयबलिकम्मा उल्लपडसाडिगा जाई तत्थ उप्पलाई जाव सहस्सपत्ताई ताई गिण्हइ। गिण्हित्ता पुक्खरिणीओ पच्चोरुहइ। पच्चोरुहित्ता तं सुबहु पुष्फगंधमल्लं गेण्हइ। गेण्हित्ता जेणामेव नागघरए य जाव वेसमणघरए य तेणेव उवागच्छइ। उवागच्छित्ता तत्थ णं नागपडिमाण
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CHAPTER-2 : SANGHAT
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