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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
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थे। गणिकाओं जैसी युवती हथनियों के उदर-प्रदेश में अपनी सूंड डालते हुए तुम काम-क्रीड़ा में तत्पर रहने लगे। सैंकड़ों हाथियों के झुण्ड सहित तुम पर्वत के रमणीय काननों में सुखपूर्वक विहार करने लगे। KING ELEPHANT MERUPRABH
131. “As a tiny and delicate elephant you started growing. Your colour was red like lotus and Javakusum flowers (etc.) and you were the darling of the leader of the herd. Touching the under bellies of youthful females with your trunk you began the apprenticeship of the love game. With a herd of hundreds of elephants you roamed around with joy in the enchanting woods in the mountain valley.
सूत्र १३२. तए णं तुमं मेहा ! उम्मुक्कबालभावे जोव्वणगमणुपत्ते जूहवइणा कालधम्मुणा संजुत्तेणं तं जूहं सयमेव पडिवज्जसि।
तए णं तुम मेहा ! वणयरेहिं निव्वत्तियनामधेजे जाव चउदंते मेरुप्पभे हत्थिरयणे होत्था। तत्थ णं तुम मेहा ! सत्तंगपइहिए तहेव जाव पडिलवे। तत्थ णं तुमं मेहा सत्तसइयस्स जूहस्स आहेवच्चं जाव अभिरमेत्था।
सूत्र १३२. "मेघ ! इसी प्रकार विकसित हो तुम बाल्यावस्था से यौवनावस्था में पहुँच गये। फिर यूथपति की मृत्यु हो जाने पर तुम स्वयं यूथपति बन गये। ___ “मेघ ! वनचरों ने तुम्हारा नाम मेरुप्रभ रखा। तुम चार दाँतों वाले हस्तिरत्न हुए। तुम्हारे सातों अंग परिपुष्ट आदि (पूर्व वर्णित) और सुरूप थे। तुम वहाँ सात सौ हाथियों के यूथपति बनकर अभिरमण करने लगे। ___ 132. "Megh! You slowly developed and crossing the infancy you grew into a young bull elephant. When the leader of the herd died you succeeded it. ___ "Megh! the foresters named you as Meruprabh. You had four tusks. All the seven parts of your body were fully developed, strong, and beautiful (details as before). You started roaming around in that jungle with a herd of seven hundred elephants. हस्ती-भव में जातिस्मरण
सूत्र १३३. तए णं तुमं अनया कयाइ गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामूले वणदवजालापलित्तेसु वणंतेसु सुधूमाउलासु दिसासु जाव मंडलवाए व्व परिब्भमंते भीए तत्थे
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JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SŪTRA
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