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उपयुक्त सम्बोधन करें जीवों की उपधातकारी भाषा न बोलें
सावध भाषा वर्जन
२४२ Use Proper Term of Address २४४ Refrain Using Language Harmful
to Beings 740 Negation of Discussing Mundane
Activities २५२ Think Before Speaking २५५ Utter No Provocative Word २५७ Use Pleasing and Sweet Language २५८ Conclusion
विचारपूर्वक बोलें उत्तेजक शब्द न बोलें मृदु-मितभाषी बनें उपसंहार
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आठवाँ अध्ययन : आचार प्रणिधि
२५९-२९४
Eighth Chapter : Cultivating Conduct
259-294
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प्राथमिक आचार-निधि पृथ्वीकाय हिंसा-निषेध
260 261
262
अपकाय हिंसा-निषेध
264
अग्निकाय हिंसा-निषेध
264
वायुकाय हिंसा-निषेध
वनस्पतिकाय हिंसा-निषेध
२५९ Introduction २६१ Wealth of Conduct २६२ Negation of Harming Earth
Bodied Beings २६३ Negation of Harming Water
Bodied Beings २६४ Negation of Harming Fire-Bodied
Beings २६४ Negation of Harming Air-Bodied
Beings २६५ Negation of Harming Plant-Bodied
Beings २६६ Negation of Harming Mobile Beings २६६ Eight Micro-Things २६९ Procedure of Inspection २७० Cautious Living २७१ Equanimity in Gain or Loss २७३ Be Content : Avoid Anger २७८ Know the Time and the Place २७९ Bitter Fruits of Passions २८0 Ways to Subdue Passions २८२ Humbleness and Self-Study २८५ The Respect of the Guru २८५ Discipline of Speech २८७ Negation of Hockery २८८ Place of Stay
265 266 266 269 270
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त्रसकाय हिंसा-निषेध आठ सूक्ष्म प्रतिलेखना विधान यतनापूर्ण जीवनचर्या लाभऽलाम में संतोष संतुष्ट रहें : क्रोध न करें क्षेत्रकाल का ज्ञान रखें कषायों का कटु फल कषाय-शमन उपाय विनय एवं स्वाध्याय का उपदेश गुरु की विनय मर्यादा भाषा-विवेक उपहास न करें शय्या-विवेक
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278 279
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