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If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal. ___३०१. से भिक्खू वा २ से जं पुण थंडिलं जाणेज्जा इह खलु गाहावइ वा गाहावइपुत्ता वा सालीणि वा बीहीणि वा मुग्गाणि वा मासाणि वा कुलत्थाणि वा जवाणि वा जवजवाणि वा पइरिंसु वा पइरंति वा पइरिस्संति वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चार-पासवणं वोसिरेज्जा। __३०१. साधु-साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल के सम्बन्ध में जाने कि यहाँ पर गृहस्थ या गृहस्थ के पुत्रों ने शाली, व्रीहि (धान), मूंग, उड़द, तिल, कुलत्थ, जौ ज्वार आदि बोए हुए हैं, बो रहे हैं या बोएँगे, ऐसे अथवा अन्य इसी प्रकार के बीज बोए हुए स्थण्डिल में मल-मूत्रादि का विसर्जन नहीं करे।
301. A bhikshu or bhikshuni should find if a householder, his sons (etc.) have sown, are sowing or will sow rice, paddy, green gram, udad (a type of pulse), sesame, kulattha, barley, jvar (millet), or other such seeds. If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal.
३०२. से भिक्खू वा २ से जं पुण थंडिलं जाणेज्जा आमोयाणि वा घासाणि वा भिलुयाणि वा विज्जलयाणि वा खाणुयाणि वा कडयाणि वा पगडाणि वा दरीणि वा पदुग्गाणि वा समाणि वा विसमाणि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि (थंडिलंसि) णो उच्चार-पासवणं वोसिरेज्जा। __३०२. साधु-साध्वी यदि ऐसे किसी स्थण्डिल को जाने, जहाँ कचरे (कूड़े-कर्कट) के ढेर हों, भूमि फटी हुई या पोली हो, भूमि पर रेखाएँ (दरारें) पड़ी हुई हों, कीचड़ हो, दूंठ अथवा खीले गाड़े हुए हों, किले की दीवार या प्राकार आदि हो, सम-विषम स्थान हो, ऐसे अथवा अन्य इसी प्रकार के ऊबड़-खाबड़ स्थण्डिल पर मल-मूत्र आदि विसर्जन नहीं करे।
302. A bhikshu or bhikshuni should find if in a sthandil there are heaps of trash; the ground is parched or hollow; there are cracks in the ground; the ground is filled with slime; there are stumps or spikes jutting out of the ground; there are parapet walls of a fort; the ground is not level; or there are other such obstacles. If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal.
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उच्चार-प्रस्त्रवण-ससिका : दशम अध्ययन
( ४१५ ) Uchchar.Prasravan Saptika : Tenth Chapter
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