SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 216
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रायपसेणी। २१८ क्यासी किणादेवाणुप्पिया अझ सावत्थीए णवरीए इदमद्देइवा जावसागरमहेइवा जेणा इमे वहवे उग्गा गिग्गच्छति ततेणसे कचुइ पुरिसे केसिस्म कुमार समणस्स आगमगगहिय विणच्छति चित्त सारहि करयलपरिग्गहिय जाव वहावत्ता एववयासी णोखलु देवाणुप्पिया अभसावत्थीए गागरीए इदमहेइवा जाव मागरमई दवा जेण मे बहवे जाव वदा वदए णिगच्छति एव खलु देवाणु प्पिया पासावविन्झ केसी णाम कुमार समण जातिसपरगो जाव टुइभाकाणे इहमागते जाव विहरडू तेगा अझसावत्थी वइवे उग्गाजाव इमा इभापुत्ता अप्पेगडया बदण वत्तियाण जाव महया वदा वददि णिगच्छति ततेणसे चित्ते सारही कचूद पुरिसस्म अतिए एयगढ़ मोच्चा गिसम्म हट्टतुटुनावहिवए कोड विय पुरिसे सहावे २ एवववासी खिप्पामेव मो देवाणुप्पिया चाउ घट आसरह जुत्तामेव उवट्ठ वेद जाव सत्वउ जाव उववेति धागाराउ अणगारिय पवइस्सामी, पञ्चागुत्ववाद सत्तसिवखाववाड दुवालसविहगि हि धम्म पडिभिस्सामो अगइया जियाभत्तिरागेण अप्पेगड्या जीवमयन्ति कट्टाहाया कयवलि कम्माकयकी उयमगलपायचित्ता सिरसा कराठे मालक डा यावित मणिसुवरणाकप्पिय हारहारति मरण्यलवपालवमाणकउिसत्तय मोभाभरणावयपवर परिहिया चन्दणालितगाय सरीरा, अप्पेगडया हयगया अप्पेगइया गवगया अप्पगड़वारहगया अप्पेगडया सिविकागया अप्पे गया मन्दसाणिगया अप्पेगदया पायविहारचारिणी पुरिसवरगुरायपरिखित्ता मइया उक्किट्टि सीहना या वीलकलयरवेण समुदरभूव पिवरकरमाणा अम्बरतल पिव फोडेमाणा इति परिग्रह" । एतच्च प्राय सुगम नवर गुणवतानामपि निरन्तरमभ्यस्थमाननया शिक्षा व्रतत्वेन विचक्षणात मारथीबीलु वितर्के यहीदेबानुप्रियाउ धानसावधाडू नगरी इद्रमहोत्सवअथवा जिहा लगि समुद्धमहोत्सवतालगिक हबु जेणइकारण एइ घणा उगवसनी इमभोगादिक सवलीकहाधी घाडवठाजाइरतिद्वारपछीतहकञ्चुकिंपुरुष कैधिनउ कुमार थमणनउ आगमनउउगृहउछ निश्चयजेपतह चिन सारथीप्रतिइ हायजीडा नमस्कारकरी वडाचीवजाचीन मशीलउनयी निश्चय अहीदेवानुप्रिय स्वामी आज सावथीद नगरी इन्द्रमहोत्सव चालगिसागर महोत्सव तालगिकदवा जेणरकारणि एम घयाउग्रवसना समस्तवगमनूप्यना वृ दद्वाध्या नाद अमुना
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy