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________________ ' रायपसेगी। चक्खूहर वण्णफरिसजुत्त इयलालापेलवाइरेग' धवल कणग खचि यतकम्मं श्रगास फलित समप्यभ दिव्व देवदुप्प जूयनसेिद्र णिय सेत्तादार पिद्धेतिर अवहार पिराई तिर एगावलि पिणडेत्ति मुग्णावन्तिपिणद्वेति रयणावन्ति मिणद्वेति एव अगया केकरा कडगा तुढियाइ कढिमुत्तगदसमुद्दाण तगवत्यमुत्तम मुरवि कठमुरविर पालव कुडली २ चूलामणिर मउड' पिणई तिति गमि वेटिम परिसधातिमेण छउव्विणि मल्लेण कप पक्खगपव पपा विभूसिय अन्तकारिय करेद्र दद्दर मलय सुगधि तेहि खधेहि नासिकानिश्वासवातवाचमनेन तल्लक्ष्णतामाङ (चक्र) मिति चतुर्हरति श्रात्मवशन्नयति विभिष्टरूपातिशयकतितत्वात् इति चचुईर (वययपरिसमुत्त) मिति वर्णेन स्पर्धेन चातिशायिनेति गम्यते । युक्त वयस्पर्शयुक्त (इयनालापेलवाइरेग) मिति इयनाला पश्वलाला तरया अपि तवमिति इलालापेलवातिरेक नामनाम्चेकार्थे समासो बहुलमिति समास' । प्रति विषिष्ट लघु पोपेतमिति भावः । धवल श्वेत तथा कनकेन खचितानि विच्छुरितानि अन्तकमाथि पञ्चनयोवानलचयानि यस्य तत् कनकखचितान्तकर्म श्राकाशस्फटिक नामाति विस्फटिकविशेषस्तत्समप्रभं दिव्य देवदूष्पयुगलन्नियं परिधत्त परिधायारादीन्याभरणानि पिनाति तम्र डाटादगमरिकोर्ड हारीनवसरिक । एकावली विचित्रमणिका मुक्तावली मुक्काunaut रत्नावती रत्नमयमधिकात्मिका प्रातस्वस्तपनीयमयो विचित्रमरित्नभक्तिचिव भात्मन प्रभावेन सुपनाथ चाभरणविशेष कटकानि बत्ताचिकाभरणानि तुदितानि वातुरचिका । - दानि चाभरणा दशमुद्रिकानंतक हस्तामतिसम्बधिमुद्रिका दमक कुण्डले कभर के चूडामविमिति चूड़ामबिनाम मकतपार्थिवरत्नसवसारी देवेन्द्रमनुष्येन्द्रमूई कृतं निवासी निशे 1 मोपनिमन प्रधान देवदुष्य वा पदर परीनद्र हारपटारमसरीर आरोप पिरद नियम पार पडपिन एकाजनीविचिनमषिमोतीनार पर मुला मोर नवजोहार पिरड एमन चंगद कपूरकडा बहिरा कंदीर दसगुती मुद्रिका सानानीजी माननारियाभरमुखी अंटमुखीरहतमुधी दुब अत्र कुन सरर पर चिपकाएंफूनपदर हगृध्यासूसतंग, घिम गुधानपरि नितीकारादिकपूरीतपूमि मामातिपकांकरीपरीते मघातिम मानकरी वीकचनपूर मात्मापति सभामति शृंगारसहित
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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