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________________ पदार्थान् प्रपवन सचामोसाववजोति प्रामन्वपरिचिति समुहाताविद्ययान्तमुन योगनिरोधं करोति १२ पखायमच पुत्रमवित्यादि कवडी बलिहारे पूर्वमेवादाविव योगनिरोधात्साया संचिनो मनावमितः पचन्द्रियस्येतिरुपति म लोगंज जद्मोसमचत्रोगंज जद् सच्चामोममयत्रोगनु न श्रसज्ञामोसमखनोगजु जद् गोयमा मच्च मणत्रोगन बद् बोमोसमस्यओगंजु वह खोसला मोसोगंज वर असा मोमय लोग पिलु जद्द कायजोग जु प्रमाणे चागच्छेज्ञाषा चिष्जवा बिसाएज्जषा गट्टेजमा उल्ल बेलवा पल बेजवा चखेवा पते वर्णया तिरियक्ल पत्रा करेजा पाठिहारियवा पौठफलहकसेवा संचार कंप्पचप्पियेज्जा सेलमसेस हाम बोगीसिन्सिहि जायत करेहिति होति मधु वर करवरिसचुिधन सत्य सांतुन पनपाठनको व्यवहारमनुयोग व्यापारप्रशु वधू अडोगौतम खात्रश्रोमनमुखोमब्यापारमय अन् पबावठप्रेोमनन प्रोबोमव्यापारमयु अमरे का सत्यापपाठ एवमित्रम मुबोधव्यापारमनही प्रसत्वामवाकयवचारममनु बोलण्यापारते हम जर कायामरोरनुयोगव्यापारप मतिवार पलग पोषक घोटू रुडपोपा यत्र पैमादिकषिमदृष्टंयौनपुरबियोधादिकन विषमरस भूमिकादिकन विवरणपत्र सामान्यवाड प्रस्तुति प्रतिशयस्तु पाप्रमु तु टपवु वधूवाविव पावकोनीच पाडिय तिरोदिन करे पहलमधोमांगोरीभाबाहरवाटपाच गाउपा सबारश्रोतेहपाञ्छप्रोपावर तेही मते हे वनोस योगममबचन कामाना मोहम्बा पारस वितरण विववार पूर्ववीपर व कुम्बन चीत कर एवचोमिवमननु योगब्यापारप्रयु वर
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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