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________________ विहार विकिपरियामन्ति परिक्षामा हि महारौद्रयानावेरीन देवख न समस्त प्रतिभाग मतिमा सभाषत पत्र न परामुखादिना भद्रमा परापारकर बोला प्रतिभा' पगडवसता व उपमान्ता क्रोधो दवाभावात् पततकोचमा मावोमति पपि कषामोदमे पतनकोधादिमाना मिचमद्दवसंपत्ति या समर्थ मठ विजय तात्यिते ते देवा परयोगस्यारागा योतिषट्टे समट्ट े ६ से हमे गामागर वगर चिगम रामहापि खेड कम्प मम दोषमुत्र पट्टणा सम संवाह संनिबेसेसु मधु घामति सहा पगतिमहका पतिवता पतिपतखुको मास मायालोहा मिटमास प्रथा चलीसा बिलोमा पम्मापि सुपका भस्मापि प देवता परलोक अम्मांतरन मोचपामिवारूपधानदद्य मचारिखमा धाराघकपभर पोतिष्टष्ठ समई एहभवमोचसाधनमपजावि सर्व घटतेजेएचसंधारीकत्रोव धामवाडिवौठापो पावरसुबर्बादिवना नगरविडांगवादिकमुकरर निगममा जनव सिमानाम राजपामीराजानमोजगरी पेडधूलिनप्रोवाचारविहां कम्म कुपितनमर विसभिर्वसनयो द्रोष सुमनसपंवश्वकपचवरीसहित पाटब भूमिमरभूमि प्राश्रमतापसनाठमि संबाधपर्वतच परिषामता पाठ ग्राम संभिदेयमदवडियोवासीयोसोनाथान कमविष एडवामधाम पवार प्रतिभावमद्रकपरोपकारीकुटिल परिचामरहित प्रचतिमावरंवकोषादिवस पशमाम्यावर मतिखमावरच प्रतमुपा तर समभिमनमा वापरणंचमालीमम्मे पहुचमाचमाई वकार कोष परीसहित प्रायोजकमाचरचयाची :-PH.
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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