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गर्न नेशन
मणूमपरिक्षा समयस्मृभगवो महावीरा प्रतिए धर्मसोञ्चा थिसम्म ट्टट्ठा जाव हिमया उठाए उठ्ठति उट्ठाए उता समर्थं भगव महावीर तिक्खुत्तो भायाणिपयाणि करता वदति यमसंति वदिता यमसित्ता प्रत्ये गद्दष्वा मुखेभवित्ता वगाराचो अग्रगारिव पचरए अत्य गरवा पचामुष्य इद्य मन्तसिक्खावचं दुषाल विहि गिविषम्म पचित्रण्णा अषसेसायं परिसा समय भगव महावीर बंदति ममति वदित्ता एमसित्ता एववयासीसुक्खा ए विष्ठतेह मोटोपरिमापरिपदान मलोकसमूहते मयत मुरहार भगवंतप्रानवत महापौरकम गतुन घोषोपपहार अंतिसमोपन विपक धर्भविक पोतेक विपद्सामीने निशम्यचित्तधरोमे हा वयं पाम्या तुटतोयपाम्या जागन्दरको मोबाइल हिमामेविहसमा यिनी उठाएका याने जमवावे शरीर उड्ड तिखट घोषभ प्रोधवड बादाम रोखठो मउत वे यमय भगवंत ज्ञानवंत महापोर तिक्तविविवार दक्षिणदिभि न पास पार भोप्रविशामप्रदचिबारे करोगे वांदे तर नमस्कार बामपंचांगकार वादीतिर नमस्कारोपं परंपराप्रकारे प मोगे प्रत्येक समसंधिया मुद्रियशेधादिकदम जारेवर ने भगारहस्यावासथ कोमोसरी पगार साधुपच
गोकारकारी प्रव्रव्या गोवेकर सभासंबंधिवा मूलप्रापातिपातरम सादिकपचिभवत विचिगुणवतादिव भागिवासात शिचायतसोपरूप दुवानस विहेबारेमा ग्रह स्वम सधर्म पूर्वोश्चप डिवर्षिगोकारिकरियो अवशेष एचयकोष मेराय हस्या दिनो परिपदापुरपन समूह श्रमण भगवंत महापौर देतिकरे नमस्कार चागमथामकर वादोस्त तिवरीने नमस्कारपंचांग प्रणाम करीने एव वहत घोषो मृहुभव उपास्यात सामान्य