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________________ नाभि पानोषविरारोहा धान्यालम्वान्त पायोवर्स तान्यालम्बनानि वाचनादीनि प्रनित्यत्वायरयत्वाचे कल्वस सारानुपेचा प्रतीता' ॥ छ ॥ पुन्तजियम सविधारोति पुन एकद्रव्याश्रितानामुपादादिपर्यायाचा भेदेन वितर्थी विकल्प पूर्वगतश्रुतावस्वनी नामानयान मरणसवषो aan earner विचारो मे व्यमादर्थे मम प्रवृत्तियोमायां चान्यस्मादन्यतरस्विन् विचरण सह विचारे यत्तव्यविचारि सर्वधनादि प्ाणस्स चत्तारिभ्राजमथापयत्ता तयागय्या पुच्छया परियया धम्मका धम्मस्मृर्णमाया चन्तारि अणुहाचो पण्णत्ताषो तजहा चतुव्वायुष्प हा पसरणाबुप्पा एगत्ताणु प्पे हा ससारागुप्पे हा सुक्रमाणे चटबिहे 'वउप्पडोचारे पत्ते तं महा पुत्रवियक सुविधारौ एगत्तवियक अविचारी पा®मनदोरचोपचिगमरूप मम बचातीर्थ करइ तेवर वावप्यागुण समोर्पिपरवा डिलेवोपुच्चता संदेशखपनर पुलियो परियावासीर तेह जमचिशे धचैत्रमापतिमनिसोधनकडिनो जिनवचननिरूपणे ध्यान हम चारिनु प्रेचा विचारवाचित्तमहिचितनरूप प्राप्तका तोबर वेबरकर एसबारोक सर्वपदार्थ धनित्वचइएच पौविचार याचितन सम्रारमहिक बेडनसरचनयो] पत्रवोविचार याचिंतन एक्जोन एसो पाव्यपोएमको त्रास्मश्एडवोविचारवाचि तन संसारगतिभागतिक पफिर मोहर हयोचनुप्रेधाविचारवाचिंतन यांमनोरंजन रूपतेच बिचार प्रकार चप्पडोमारेचारिपत्य वतार पतच इचारपोबलोलमबार पत्रक तीर्थ करमचभर ते कसेबर पुत्तपत्रात्रित उत्पादिश्रपवनाने ह पापरोमितविकका विमारविचारयोययमथोयभिवपर्ववन्दनविरमनिकविचारतेय चितएको तिविधीम मे
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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