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________________ ( ७ ) (१२) विवाह की कंकुपत्रिका ग्रामोग्राम देने को सेवग जाता है। इसी प्रकार मृत्यु की चिठ्ठीयें भी देने को सेवग जाता है । - (१३) मन्दिर, उपाश्रय और धर्मशाळा में हमेश काजा - कचरा कूढा सेवग निकालता है । (१४) महाजन ( पंच ) किसी कार्यवश गामान्तर जावे तो सेवा - चाकरी में सेवग साथ में जाता है । (१५) जाती वा संघ सम्बन्धी कोई भी कार्य हो तो चाकरी मे हमेशा सेवग हाजिर रहता है । (१६) मृत्यु के बाद कांसा नावणीयों का बलबाकुल सेवग लेते है । (१७) लग्न में ढोली को बुलाने को सेवग जाता है । मृत्युके पिछे हजामत कराने को नाई को बुलाने सेवग जाता है । (१८) मोसर - टाणे में न्यात (जाति) जीमने के बाद ढोल बाजते है उस समय के दान में भी नाई, ढोली और सेवग का भाग होता है । उपर माफक सेवा सेवग करते है बलकि किसी २ प्रान्त में इससे भी हलके काम करते हैं । बुद्धिमान विचार कर सकते है कि उपरोक्त काम करनेवाले कमीन होते है या गुरू ? सेवगों । अन्य लोगों की भांति जैनियों के घरों में इतनी पोल नही है कि उपरोक्त कमीनपने के कार्य करनेवालों को, जैनी, गुरू मान लें । बलकि जैनी सेवगों को त्याग * कई कई प्रान्तोंमें और भी रिवाज होतें है ।
SR No.007296
Book TitleAnarya Krutaghni Sevago Ki Kali Lartoote
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrimal Jain
PublisherMishrimal Jain
Publication Year
Total Pages34
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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