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तेरापंथ-मत समीक्षा। mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm
४२ साधु होकरके किंवाड खोले या गृहस्थोंसे खुळवावे और उसके अन्दरकी वस्तुएं ग्रहण करे, यह किस सूत्रकी आज्ञासे ?। . . .
... ___४३ तुम्हारे साधु, अंधेरेमें ही (४-५ बजे) गृहस्थनियों से चंदणा करवाते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे ?। ..
४४ तुम्हारे साधु, गृहस्थनियोंसे दिनमें भी सेवा करवाते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है ?। __ ४५ तुम्हारे साधु, सूतकवालेके घर जा करके दर्शन देते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है ! ।
४६ तुम्हारे साधु, गृहस्थके घर जा करके व्याख्यान सुनाते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे सुनाते हैं ।
४७ तुम्हारे साधु, एक ही घरसे जी चाहे उतनी रोटियां लेते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे ?।
४८ तुम्हारे साधु, एक एक दिनके अन्तरसे गृहस्थके घरसे आहार लेते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है ।
४९ तुम्हारे पूज्य, अपने कपडे साध्वियोंसे सिलाते हैं, ओघा बनवाते हैं, कपडे धुलवाते हैं, यह किस सूत्रकी आशा है ।। ___५० साध्वियोंको बजारमें दो दकानों के बीचमें चौमासामासकल्प कराते हो, यह किस सूत्रकी आज्ञा है ? । ...
५१ तुम्हारी साध्विएं पाट-पट्टों पर बैठकर पर्षदाके बीचमें व्याख्यान देती हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है ?।
५२ तुम्हारे मृतसाधुको १ मुहूर्त अपनी निश्रामें रखते हो, गृहस्थोंसें वंदणा. कस्बाते हो, और वह बड़ी दीक्षावाला