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________________ बेलगाम जिला। [७७ (२) हालसी-(हलसिगे) ग्राम, ता. खानापुर, खानापुरसे दक्षिण पूर्व १०मील । हालसी एक बहुत प्राचीन स्थान पर है जो पूर्व समयके कादम्बों (सन ई० ५००) का मुख्यस्थान था तथा गोआके कुटुम्बोंका छोटा राज्यस्थान था जिन्होंने ९८०से १२५२ तक राज्य किया। यहांके सब ताम्रपत्र कादम्ब राजाओंके प्राचीन वंशको प्रगट करते हैं जो जैनी थे व निनकी राज्यधानी बनवासी और हालसीमें थी। यहां सन् १८६० में ६ ताम्रपत्र एक टीलेमें मिले थे जो चक्रतीर्थके कूएके पास हैं जो हालसीसे उत्तर ३ मील नांदगढ़की सड़कपर है। ये सब ५वीं शताब्दीके हैं और सब जैन कादम्ब राजाओंकी वंशावलीको प्रगट करते हैं । (३) होंगल (वेल होंगल) ग्राम ता० साम्पगांव-यहांसे पूर्व ६ मील ग्रामके उत्तर १ प्राचीन जैन मन्दिर है जिसको अब लिंग मंदिर बदल लिया गया । इसमें १२ वीं शताब्दीके दो लेख हैं । इनमेंसे एक लेखमें ता० ११६४ है । राज्य, राट्ट सर्दार कार्तवीर्य (११४३-११६४)-इसमें १ जैन मंदिरके बनने व उसको भूमि देनेका वर्णन है । इस शिला लेखके ऊपर मध्यमें पद्मासन श्री जिनेन्द्रकी मूर्ति है। उसकी दाहनी तरफ एक खडगासन मूर्ति है ऊपर चन्द्रमा है और वाई तरफ १ गाय और बछड़ा है ऊपर सूर्य है। ( Indian antiquary IV 115 Fleets Kanarese dynasties 82.) हागलके शिला लेखमेंसे Ind. Ant. x P. 249. से बनवासीके कादम्ब वंशकी वंशावली वंशस्थापक मयूरभंजसे दी जाती है।
SR No.007291
Book TitleMumbai Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherManikchand Panachand Johari
Publication Year1925
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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