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नासिक जिला। है उपरके खनमें कमरा २० फुट वर्ग है ४ खंभे हैं । वेदीका कमरा ९से ६ फुट है भीतर एक मूर्तिका आसन है ।
(३) गुफा-आगेका कमरा २५ फुरसे ९ फुट है । यहां इन्द्र और इन्द्राणी बने हैं । वेदीका कमरा २१ फुटसे २५ फुट है। इसमें ४ स्तंभ हैं। पीछेकी भीतपर हरएक तरफ पुरुषाकार कायोत्सर्ग नग्न दिगम्बर जैन मूर्ति है। बाईं तरफ श्री शांतिनाथ भमवानकी मूर्ति है मृगका चिन्ह है निमके दोनों तरफ श्री पार्श्वनाथ खड़गासन हैं । श्री शांतिनाथजीसे इनका आकार तीसरे भाग है । शायद यह १२ वी व १३ वीं शताब्दीकी गुफा हो।
(४) इस गुफाके बरामदेके सामने दो बड़े साफ चौखुन्टे खंभे हैं हरएक ३० फुट ऊंचे हैं। इसका कमरा १८ फुट से २४ फुट है । बाएं खंभेपर एक लेख है जो पढ़ा नहीं जाता । इसके अक्षर शायद १२ वी व १३ वीं शताब्दीके होंगे। ___ दूसरी दो गुफाओंमें जो मंदिर हैं उनमें जैन तीर्थंकरकी मूर्तियें हैं । ( यह दर्शनीय स्थान है)।
(३) चांदोडनगर-ता० चांदोर नासिकसे उत्तर पूर्व ३० मील व लासलगांव स्टेशनसे उत्तर १४ मील। यह नगर १ पहाडीके नीचे हैं जो ४००० से ४५०० फुट ऊन्ची है । इस नगरका प्राचीन नाम चन्द्रादित्यपुर शायद होगा निसको चांदोरके यादव वंशके संस्थापक द्रीधपत्रारने वसाया था (सन् ८०१-१०७३ यादववंश) सन् १६३५ में इसको मुगलोंने ले लिया । पहाड़ी पर रेणुकादेवीका मंदिर और कुछ जैन गुफाए हैं। चांदोर फिलेकी