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________________ ४ (३) कल्लुकेरी १२२ ) कर्णदेव २१२ करगुद्रीकोप १२३ कलादगी निला कलटी गुडड १३९ कविराज मार्ग कड़ा गुफाएं १४६ ऋतुक १२० करवीर १५२ का कचनेर १५९ | काबी करकंडु पार्श्वनाथ १६० काठियावाड राज्य क्षत्रपोंका राज्य | कारली कत्त प्रथम ७२ कादम्ब वंशावली ७८ व ११२ कनकैर प्रथम | कागवाद कार्तविद्याप्रथम द्वि० त० च० ७२ कत्त हि. , कालसैन प्र. द्वि० , कारेय जैन जाति कृष्णवर्मा ७८ कामदेव कनकप्रभ सिद्धांत त्रैवेद्यदेव ८५ काकुष्ट वंशी कृष्णवल्लभ राजा कच्छेयगंग राजमल्ल स्कंध गुप्त १८५ | कीर्तिबर्मा प्र० वि० या कीर्तिदेव कका प्रथम हि. १९७ ७८-७९ कृष्ण १९८ कुम्मरिया कक्कल या कर्कराज १९९ कुन्टोनी - ११० २०५ कुमता बंदर १३९ , तृ. १९७ कर्क ३८ कर्ण
SR No.007291
Book TitleMumbai Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherManikchand Panachand Johari
Publication Year1925
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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