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मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक ।
जमें ६०७-८ में राज्य करता था । पुलकेशी द्वि०ने सन् ६३४ में नर्मदापर हर्षको विजय किया था। दद्दा तृ०को बाहुसहाय कहते थे । जयभट्ट तृ० को महासामंताधिपति कहते थे । इसके समयमें अरब लोगोंने हमला किया था जिसको नौसारीपर युद्ध करके पुलकेशी जनाश्रयने परास्त किया था । ७३४ के पीछे इनका पता नहीं चलता है।
___ (सं० नोट) इस वंशके राजाओंकी वीतराग आदिकी उपाधिसे अनुमान होता है कि शायद इस वंशके राजा जैनी हों।
राष्ट्रकूटवंश-गुजरातमें ये लोग दक्षिणसे सन् ७४३में आए। ये अपनेको चंद्रवंशी या यदुवंशी कहते हैं। इनका मुख्यस्थान मान्यखेड (मलखेड) है जो शोलापुरसे दक्षिण पूर्व ६० मील है ।
इनका सबसे प्राचीन शिलालेख सन् ४५०का मिला है, जिस समय राजा अभिमन्यु राज्य करते हैं उसमें चार राजा दिये हुए हैं।
मानान्केर
देवराज
भविष्य
अभिमन्यु